महाराष्ट्र की सियासत में जारी सियासी ड्रामा अभी थमा नहीं है. रविवार को हुए घटनाक्रम के बाद एनसीपी के दोनों गुट (शरद और अजित) एक-दूसरे पर हमलावर हैं. शरद पवार की एनसीपी ने जहां एक तरफ बागी नेताओं पर कार्रवाई की तो वहीं पार्टी पर खुद का दावा ठोंकने वाले अजित पवार गुट ने शरद पवार के करीबियों को पद से हटा दिया है. इसके साथ ये भी घोषणा की गई कि बीजेपी-शिवसेना और अजित गुट ने मिलकर 'महायुति' बनाई है.
'महायुति' बनने के साथ ही शरद पवार गुट के करीबी किनारे हो गए हैं. हालांकि अभी तक सिर्फ जयंत पाटिल का नाम सामने आया है. सुनीत तटकरे जब नई नियुक्तियां करेंगे तो अन्य नाम भी सामने आएंगे. सोमवार शाम को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी पर दावा करते हुए जयंत पाटिल को महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया और कहा, किसी को भी अयोग्य घोषित करने का अधिकार स्पीकर के पास है.

प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए जयंत पाटिलः प्रफुल्ल पटेल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि, 'हमने जयंत पाटिल को नियुक्त किया था. हमने उन्हें एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी. आज मैंने उन्हें आधिकारिक तौर पर जानकारी दे दी है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा है और मैं सुनील तटकरे को एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करता हूं. उन्होंने कहा कि, जयंत पाटिल को तुरंत सुनील तटकरे को कार्यभार सौंप देना चाहिए.'
महाराष्ट्र से सभी फैसले पूरी तरह से सुनील तटकरे लेंगे. आधिकारिक तौर पर सुनील तटकरे महाराष्ट्र के प्रभारी हैं. अब से सभी नियुक्तियां और निर्णय सुनील तटकरे द्वारा लिए जाएंगे.
'विधिमंडल के नेता होंगे अजित पवार'
इसके साथ ही अजित पवार एनसीपी के विधिमंडल के नेता होंगे. वह आधिकारिक तौर पर एनसीपी के असेंबली में लीडर रहेंगे. जो भी बदलाव करने थे वो हमने कर दिया है. असेंबली सेशन होने वाला है, उससे पहले सारे जरूरी लीगल बदलाव हमने कर दिए हैं. सबसे ज्यादा विधायक हमारे यानी एनसीपी पार्टी के साथ हैं. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम राज्य के विकास के लिए काम करेंगे.

सिर्फ स्पीकर के पास है विधायक को अयोग्य ठहराने का हकः प्रफुल्ल पटेल
किसी भी विधायक को अयोग्य ठहराने का काम पार्टी या चुनाव आयोग नहीं कर सकता. ऐसा सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ही कर सकते हैं, वहीं,सुनील तटकरे ने जानकारी दी कि 5 जुलाई को एमईटी संस्थान में बैठक बुलाई गई है. सभी से वहां उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है. छगन भुजबल ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अजीत पवार के नेतृत्व का समर्थन किया है. प्रफुल्ल पटेल की आधिकारिक नियुक्ति हो गई है. कार्यसमिति द्वारा निर्णय नहीं लिया जाता है. आप प्रफुल्ल पटेल को यूं ही नहीं हटा सकते.
बागी विधायकों पर एनसीपी शरद पवार की अब तक की कार्रवाई
एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे को निकाल दिया गया है. वहीं जयंत पाटिल ने विजय देशमुख, नरेंद्र राणे और शिवाजीराव गरजे को भी पार्टी से निकाला है. इसके अलावा नौ नेता जिन्होंने अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण में शामिल थे, उनको अयोग्य ठहराने के लिए प्रस्ताव लाया गया है.
बता दें कि इस कार्रवाई के बाद ही तुरंत प्रफुल्ल पटेल का रिएक्शन आया और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयंत पाटिल को पद से हटाने की जानकारी सामने रखी.
इससे पहले शरद पवार ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी के बने दोनों गुटों में लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने का दौर जारी है. इससे ठीक पहले शरद पवार ने प्रेस वार्ता की थी और उन्होंने प्रफुल्ल पटेल पर हमला बोला था. प्रेस वार्ता में शरद पवार ने कहा कि, 'राज्य में हमारा संगठन मजबूत है. अजित पवार का फैसला उनका निजी फैसला है. उनकी बातों का कोई महत्व नहीं है. हम लोग संघर्ष करेंगे. हम फिर से पार्टी को खड़ा करेंगे. लोगों का समर्थन हम लोगों के साथ है. जनता का प्यार बना रहा तो पूरी तस्वीर बदल देंगे. एनसीपी हमारे साथ है. सत्ता का मिस्यूज हो रहा है.

मैं पहले भी देख चुका हूं ऐसी स्थितिः शरद पवार
इसके साथ ही उन्होंने रविवार को कही गई अपनी बात भी दोहराई. उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह कोई नयी स्थिति नहीं है. मैंने इसे पहले भी देखा है. 1980 में मेरे साथ 69 विधायक थे. मैं किसी काम से विदेश गया था और जब वापस आया तो केवल 5 विधायक मेरे साथ थे. बाकी ने मुझे छोड़ दिया. लेकिन हम फिर लड़े और अगले चुनाव में हम बहुमत से चुने गये, और जिन्होंने मुझे छोड़ा वो चुनाव हार गए.'
प्रफुल्ल पटेल पर बोला हमला
अजित पवार पर किसी दबाव के बाबत पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि 'मुझे नहीं पता कि अजित पर केंद्रीय एजेंसियों का दबाव था या नहीं. मेरे पास वह जानकारी नहीं है, लेकिन मैंने एनसीपी नेताओं के खिलाफ पीएम मोदी का बयान सुना है. वह हमारे कुछ सहयोगियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में बात कर रहे थे. लेकिन उनका बयान और आज की तस्वीर बिल्कुल अलग हैं. शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल पर भी हमला किया, कहा कि वह भाग्यशाली हैं और उन्हें सब कुछ थाली में मिल जाता है. वह सिर्फ नामांकन दाखिल करते हैं और राज्यसभा में भेजे जाते हैं.