बांग्लादेश में जारी हिंसा और तख्तापलट की स्थिति के बाद भारत में भी हाई अलर्ट जैसी स्थिति है. एक तरफ जहां आसार हैं कि इस्तीफा देकर देश छोड़ने वाली पूर्व बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना भारत आ रही हैं, तो वहीं पड़ोसी मुल्क में हिंसक प्रदर्शन और अंतरिम सरकार बनने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी बयान सामने आया है. उन्होंने लोगों को अफवाहों से बचने की सलाह दी है और नेताओं से भड़काऊ टिप्पणियां न करने की अपील की है.
क्या बोलीं सीएम ममता बनर्जी?
ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा, ‘मैं बंगाल के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. यह दो देशों के बीच का मामला है, केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे.’ पश्चिम बंगाल की सीएम ने आगे कहा, ‘भारत सरकार इस (बांग्लादेश) मुद्दे पर कैसे काम करना है, इस पर फैसला करेगी. मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करती हूं कि वे भड़काऊ टिप्पणियां करने से बचें, जिससे बंगाल या देश में शांति भंग हो सकती है.’ उन्होंने कहा, ‘कोई ऐसा पोस्ट मत कीजिए, जिससे यहां सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े.'
पीएम हाउस में घुसे प्रदर्शनकारी
बांग्लादेश में हजारों प्रदर्शनकारी सोमवार को राजधानी ढाका में शेख हसीना के आधिकारिक आवास में घुस गए और तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को हथौड़ों से तोड़ दिया और उनकी पार्टी के कार्यालयों में आग लगा दी. 76 वर्षीय हसीना ने अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच इस्तीफा दे दिया है.
बांग्लादेश में क्यों भड़की हिंसा?
1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए 30% सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग के साथ पिछले महीने शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन, बाद में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गया. सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान की ओर से शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा के बाद अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए देश भर में उत्साही भीड़ सड़कों पर उतर आई.
शेख मुजीब की मूर्ति पर चलाया हथौड़ा
शेख हसीना के इस्तीफे से उनकी 15 साल की सत्ता समाप्त हो गई. हजारों प्रदर्शनकारियों ने सैन्य कर्फ्यू का उल्लंघन किया और उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो में प्रदर्शनकारियों को ढाका में 1971 के मुक्ति संग्राम के नायक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर हथौड़ों से उसे तोड़ते हुए देखा जा सकता है.