मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की साइबर क्राइम यूनिट ने महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पोर्टल (MHAD) की फर्जी वेबसाइट का भंडाफोड़ किया है. आरोपी ओरिजिनल वेबसाइट की नकल करके वेबसाइट बनाए और सरकारी आवास योजना के तहत फ्लैट मुहैया कराने के बहाने लोगों को ठगना शुरू कर दिया. एजेंसी के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों में से एक कल्पेश सेवक ने वेबसाइट बनाई और उसका साथी अमोल पटेल ने कथित तौर पर खुद को MHADA ऑफिसर बताकर पीड़ितों को ऐसे फ्लैट्स के लिए 30 लाख रुपये देने का झांसा दिया, जो जमीन पर हैं ही नहीं. उन्होंने बताया कि सेवक को मुंबई के माहिम इलाके से और पटेल को पालघर जिले के नालासोपारा से पकड़ा गया है.
पेमेंट के लिए ऑनलाइन लिंक
फर्जी वेबसाइट mhada.org यूजर्स को ऑनलाइन लिंक के जरिए भुगतान करने के लिए डिजाइन की गई थी, जिससे गुमराह किया जा सके. MHADA की ऑफिशियल वेबसाइट http://mhada.gov.in है. MHADA, एक सांविधिक आवास प्राधिकरण और महाराष्ट्र सरकार की एक नोडल एजेंसी है, जो राज्य में किफायती हाउसिंग उपलब्ध कराती है.
हाल ही में, MHADA ने पुलिस को इस घोटाले की जानकारी दी, जिसके बाद गिरफ्तारियां हुईं और भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई.
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आरोपी फर्जी वेबसाइट के जरिए जानकारी हासिल करने के बाद MHADA हाउसिंग स्कीम के तहत फ्लैट की तलाश कर रहे उम्मीदवारों से संपर्क करते थे. अधिकारी ने कहा, "वे आवेदकों से कहते थे कि गोरेगांव इलाके में 30 लाख रुपये में एक फ्लैट बिक्री के लिए उपलब्ध है और उन्हें डमी वेबसाइट पर दिए गए ऑनलाइन लिंक के जरिए पेमेंट करने के लिए कहा."