scorecardresearch
 

'भावी पीढ़ियों को पहचान और संस्कृति से जोड़ने के लिए सनातन बोर्ड जरूरी', बोले सद्गुरु जग्गी वासुदेव

सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि कुंभ का खगोलीय विज्ञान बहुत सरलता से समझा जा सकता है. सबसे बड़े ग्रह गुरु की सूर्य से निकटता और अन्य ग्रहों की अनुकूल स्थिति से पृथ्वी पर पड़ने वाला ऊर्जावान असर है.

Advertisement
X
सद्गुरु जग्गी वासुदेव
सद्गुरु जग्गी वासुदेव

पिछले कुछ दिनों से सनातन बोर्ड सुर्खियों में है. कई लोगों के द्वारा इसकी मांग की जा रही है कि वक्फ बोर्ड की तरह एक सनातन बोर्ड भी होना चाहिए. इस बीच सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने भी सनातन बोर्ड की वकालत की है. उन्होंने कहा, "भावी पीढ़ियों को अपनी जड़ों, पहचान और संस्कृति से जोड़ने के लिए सनातन बोर्ड बेहद जरूरी है."

सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि कुंभ का खगोलीय विज्ञान बहुत सरलता से समझा जा सकता है. सबसे बड़े ग्रह गुरु की सूर्य से निकटता और अन्य ग्रहों की अनुकूल स्थिति से पृथ्वी पर पड़ने वाला ऊर्जावान असर है. सनातन धर्म नहीं मुक्ति की कामना को साकार करने की साधना है.

कुंभ की व्यवस्था पर खुशी जाहिर करते हुए सद्गुरु ने कहा कि ये अदभुत मैनेजमेंट है. इतने बड़े आयोजन के लिए यूपी सरकार को बधाई. इसकी जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी ही कम है. 

वक्फ का अतिक्रमण हम सब देख रहे

पिछले दिनों कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने भी सनातन बोर्ड को लेकर इसी तरह की कुछ बातें कही थी. देवकीनंदन ने कहा, 'जिस वक्त यह देश आजाद हुआ, उस समय धर्म के नाम पर एक देश मांग लिया गया. उस देश को मांगने के बाद उसे इस्लामिक कंट्री कह दिया गया. उसके बाद हमारे देश में एक और बोर्ड बनाया गया, जिसका नाम है वक्फ बोर्ड और उस वक्फ बोर्ड का दुरुपयोग इतना हो रहा है कि वो कह रहे हैं कि जहां कुंभ हो रहा है वो जगह हमारी भी है."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा कि सनातन की बात करेंगे तो रामचरित मानस में एक चौपाई है 'काहू को कहीं जहां प्रभु नाहीं...' यानी ऐसा कण बता दीजिए जहां परमात्मा नहीं है. परमात्मा हर जगह व्याप्त है. अगर किसी के अंदर उस भगवान को देखने का सामर्थ्य है तो खंभे में भी भगवान है, बस देखने के लिए प्रहलाद चाहिए. हम लोगों में प्रहलाद वाली दृष्टि नहीं है इसलिए हमें भगवान दिखता नहीं.'

यह भी पढ़ें: Aajtak Dharm Sansad: वक्फ बोर्ड Vs सनातन बोर्ड पर कैसे चल पड़ी है बात? धर्मसंसद के मंच पर चर्चा

देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने आगे कहा, 'वक्फ बोर्ड बनाया गया और वक्फ बोर्ड का अतिक्रमण हम सब देख रहे हैं. जब बना था तब थोड़ी सी जमीन थी और आज वो जमीन 9 लाख एकड़ से ज्यादा है. हमें सनातन बोर्ड इसलिए चाहिए क्योंकि हमारे मंदिर सरकार के अंडर में हैं. तिरुपति से हर साल सरकार 500 करोड़ लेती है.' 

उन्होंने आगे कहा कि इसी पैसे का इस्तेमाल गरीब बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की व्यवस्था में किया जा सकता है, इसलिए एक सनातन बोर्ड की जरूरत है. सरकारों ने गुरुकुल खत्म कर दिए. हमारे भगवान को पशुओं की चर्बी का भोग लगाया गया. आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखना चाहते हैं, मंदिरों को सुरक्षित चाहते हैं तो सनातन बोर्ड चाहिए.
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement