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कंबल, टेंट से लेकर ORS तक... भारत ने अफगानिस्तान भूकंप पीड़ितों को भेजी राहत सामग्री, जयशंकर बोले- हालतों पर नजर

भारत ने अफगानिस्तान में आए 6.0 तीव्रता के भूकंप के बाद राहत कार्य शुरू कर राहत सामग्री काबूल भेजी है. इस भूकंप में 1400 से अधिक लोगों की मौत और 3000 से ज्यादा घायल हुए हैं. खासतौर पर कूनर और नंगरहर प्रांत प्रभावित हुए हैं, जहां मकान मलबे में तब्दील हो गए.

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भारत ने अफगान भूकंप पीड़ितों के लिए 1000 परिवार तम्बू और 15 टन खाद्य सामग्री पहुंचाई (Photo: X@/DrSJaishankar)
भारत ने अफगान भूकंप पीड़ितों के लिए 1000 परिवार तम्बू और 15 टन खाद्य सामग्री पहुंचाई (Photo: X@/DrSJaishankar)

भारत अफगानिस्तान का सच्चा दोस्त है. ये एक फिर से साबित हो गया है. अफगानिस्तान में आई विनाशकारी भूकंप के बाद सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाने में भारत एक बार फिर से अग्रिम रहा. भारत ने भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए राहत सामग्री भेजना शुरू कर दिया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसके बारे में जानकारी साझा की है. विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने अफगान समकक्ष अमीर खान मुत्तकी को और आपूर्ति का आश्वासन दिया है. 

अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता की आई भूकंप ने तबाही मचा दी. इस आपदा में 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और तीन हज़ार से ज्यादा घायल हुए. भूकंप का केंद्र पूर्वी कूनर प्रांत के नजदीक जलालाबाद से लगभग 27 किलोमीटर दूर 8 किमी गहराई में था. 

भूकंप की वजह से कूनर और नंगरहर प्रांत में तबाही मची है. गांव के ज्यादातर मकान मलबे में तब्दील हो गए. राहत कार्य को भी युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है.

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने लिखा, 'भारत की भूकंप पीड़ितों के लिए भेजी गई राहत सामग्री काबुल हवाई माध्यम से पहुंच गई है. जिसमें कंबल, टेंट, स्वच्छता किट, जल भंडारण टैंक, जनरेटर, रसोई के बर्तन, पोर्टेबल वाटर प्यूरीफायर, स्लीपिंग बैग, आवश्यक दवाएं, व्हीलचेयर, हैंड सैनिटाइज़र, जल शोधन गोलियां, ओआरएस घोल और चिकित्सा उपभोग्य वस्तुएं शामिल हैं.'

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विदेश मंत्री ने X पर राहत सामग्री को लेकर दी जानकारी (Photo: X@/DrSJaishankar)

उन्होंने बताया कि भारत अफगानिस्तान में स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और आने वाले दिनों में और भी राहत सामग्री भेजी जाएंगी. 

दुनियाभर के मुल्कों ने दिया मदद का आश्वासन 

तालिबान के शासन आने के बाद अफगानिस्तान को कई देशों ने मान्यता नहीं दी है. लेकिन इस आपदा के बीच कई देशों और संयुक्त राष्ट्र ने मदद करने का आश्वासन दिया. 

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