भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस-यूक्रेन तनाव के मुद्दे पर चर्चा की मांग वाली वोटिंग में हिस्सा लेने से इनकार दिया है. दरअसल, यूएनएससी में एक प्रस्ताव लाया गया, इसमें यूक्रेन के सीमा हालात पर चर्चा करने की मांग की गई.
इस प्रस्ताव पर यूएनएससी के 10 देश अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, यूएई, घाना, अल्बानिया, नॉर्वे, ब्राजील, मैक्सिको और आयरलैंड ने यूक्रेन के मुद्दे को उठाने के पक्ष में मतदान किया.
दूसरी ओर, केवल दो सदस्य देशों रूस और चीन ने इसके खिलाफ मतदान किया. वहीं, तीन सदस्य भारत, गैबॉन और केन्या ने वोटिंग से दूरी बनाई. सुरक्षा परिषद को चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए केवल नौ मतों की आवश्यकता थी.
यूएनएससी में भारत के प्रतिनिधि ने कहा, 'हम रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच चल रही उच्च स्तरीय सुरक्षा वार्ता के साथ-साथ पेरिस में नॉरमैंडी प्रारूप के तहत यूक्रेन से संबंधित विकसित हो रहे घटनाक्रमों का बारीकी से पालन कर रहे हैं. भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'सभी का हित तनाव के कम हो जाने में है. हम दोनों ही पक्षों से लगातार संपर्क में बने हुए हैं.'
उन्होंने कहा, 'हम मिंस्क और नोर्मैंडी समझौते का स्वागत करते हैं. हम जुलाई 2020 को दोनों देशों के बीच सीजफायर के तौर पर पहचान दिए जाने के कदम का भी स्वागत करते हैं. इसके साथ ही हम बर्लिन में दो हफ्ते में दोनों देशों की बैठक का भी स्वागत करते हैं.'
यूक्रेन सीमा के पास 1 लाख सैनिकों की तैनाती की खबर
उल्लेखनीय है कि कुछ वक्त पहले खबर आई थी कि रूस के यूक्रेन की सीमा के निकट लगभग एक लाख सैनिकों की तैनाती की है. हा जा रहा है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है. हालांकि रूस ने इस बात से इनकार किया है.
अमेरिका ने फिर दी चेतावनी
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर फिर चेतावनी जारी की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अगर रूस बातचीत के माध्यम से हमारी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है तो अमेरिका और हमारे सहयोगी देश इसी दिशा में आगे बढ़ेंगे. यदि इसके बजाय रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा.