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लद्दाख बॉर्डर पर Shinkun La tunnel बनाने की तैयारी में भारत, LAC पर आईटीबीपी जवान भी बढ़ाए जाएंगे

Shinkun La tunnel: भारत-चीन सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखकर भारत सरकार अलर्ट हो गई है. इसका असर हाल ही में हुई कैबिनेट की CCS मीटिंग में भी देखने को मिला. इस बैठक में लद्दाख बॉर्डर पर सिंकुला टनल को 2025 तक तैयार करने की मंजूरी दी गई तो वहीं ITBP के जवानों की भर्ती का फैसला भी लिया गया.

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चीन से सटी बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने के लिए ITBP की 7 नई बटालियन बनाने का फैसला लिया गया है. ((File Photo)
चीन से सटी बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने के लिए ITBP की 7 नई बटालियन बनाने का फैसला लिया गया है. ((File Photo)

चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए मोदी सरकार ने भारत-चीन सीमा पर ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए सिंकुला टनल (Shinkun La tunnel) के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस टनल का निर्माण भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है. सुरंग बनने से हमारे सुरक्षा बल के जवान साल भर किसी भी समय वहां आवाजाही कर सकेंगे. निर्माण के बाद जरूरत पड़ने पर हम कुछ ही देर में जवानों तक मदद भी पहुंचा सकेंगे.

लद्दाख बॉर्डर पर बनने वाली इस सुरंग की लंबाई 4.1 किलोमीटर होगी. दरअसल, यह मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में ली गई. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सुरंग को बनाने में 1,681 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसे दिसंबर 2025 तक बनाकर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि सुरंग लद्दाख को सभी मौसम में रोड कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. किसी बॉर्डर इलाके में स्थित केंद्र शासित प्रदेश के लिहाज से यह सबसे छोटा सड़क मार्ग होगा.

CCS की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है. इस बैठक में फैसला लिया गया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की सात नई बटालियनों को बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा. ITBP की बटालियन बनाने के लिए 9,400 नए जवानों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. बता दें कि ITBP लद्दाख में काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जचेप ला तक 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की रखवाली करती है. जिन नए जवानों की भर्ती होना है, उन्हें मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया जाएगा.

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सरकार ने चीन बॉर्डर पर 47 नई चौकियों और एक दर्जन 'स्टेजिंग कैंप' के अलावा नए कैंप बनाने का भी निर्णय लिया है. इनमें ही नए जवानों की तैनाती की जाएगी. भारत सरकार का यह फैसला मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मई 2020 में हुई झड़प के बाद काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. यह घटना अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई थी. केंद्र ने नई बटालियन के जवानों को भी अरुणाचल में ही तैनात करने की योजना बनाई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि बटालियन के साथ-साथ सेक्टर मुख्यालयों को 2025-26 तक स्थापित किए जाने की उम्मीद है. 

यह टनल प्रोजेक्ट कई मायनों में अहम है, क्योंकि यह लद्दाख में निमू, कारगिल के साथ-साथ लेह के भी करीब है. अगर इन जगहों पर तनावपूर्ण स्थिति बनती है तो सुरक्षा बल और उपकरणों की त्वरित तैनाती की जा सकती है. ITBPमें 90,000 कर्मचारी हैं. इसे 1962 के चीनी आक्रमण के बाद बनाया गया था. केंद्रीय मंत्री ने ने बताया कि 47 नई सीमा चौकियों के बनने से इन ठिकानों की ताकत में 26 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, केंद्रीय बल के पास वर्तमान में एलएसी पर 176 सीमा चौकियां हैं. जबकि 9,400 नए कर्मियों को शामिल करने से 10 फीसदी जवानों की बढ़ोतरी होगी.

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