केंद्र द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट में नवंबर 2025 में गाजियाबाद को देश का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है. यहां मासिक औसत PM2.5 का स्तर 224 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा और पूरे महीने हवा की गुणवत्ता राष्ट्रीय मानकों से ऊपर रही.
उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शहर भी शामिल
रिपोर्ट के अनुसार नोएडा, बहादुरगढ़, दिल्ली, हापुड़, ग्रेटर नोएडा, बागपत, सोनीपत, मेरठ और रोहतक गाजियाबाद के साथ देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल रहे. इनमें से छह शहर उत्तर प्रदेश, तीन हरियाणा और एक दिल्ली में हैं. गाजियाबाद को छोड़कर बाकी सभी शहरों ने पिछले साल की तुलना में अधिक प्रदूषण दर्ज किया.
क्या है दिल्ली की स्थिति?
दिल्ली चौथी सबसे प्रदूषित शहर रही, जहां मासिक औसत PM2.5 का स्तर 215 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जो अक्टूबर में 107 माइक्रोग्राम था. शहर में नवंबर में 23 बहुत खराब दिन, 6 गंभीर दिन और 1 खराब दिन दर्ज किया गया. पिछले साल की तुलना में पराली जलाने का प्रभाव कम रहा, इस वर्ष यह केवल 7% रहा, जबकि पिछले साल 20% था.
अन्य प्रदूषण प्रभावित शहरों का क्या है हाल?
बहादुरगढ़ को छोड़कर टॉप 10 शहरों में से कोई भी शहर राष्ट्रीय मानक के सुरक्षित स्तर पर नहीं रहा. इसके अलावा चारखी दादरी, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, गुरुग्राम, खुर्जा, भिवानी, करनाल, यमुनानगर और फरीदाबाद में भी PM2.5 का स्तर हर दिन सीमा से ऊपर रहा. CREA के विश्लेषक मनोज कुमार के अनुसार, साल भर प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग, पावर प्लांट और अन्य जलने वाले स्रोत हैं.
राज्यवार प्रदूषण की स्थिति
राजस्थान में 34 शहरों में से 23, हरियाणा में 25 में से 22 और उत्तर प्रदेश में 20 में से 14 शहर राष्ट्रीय सीमा से ऊपर रहे. मध्य प्रदेश के 12 में 9, ओडिशा के 14 में 9 और पंजाब के 8 में 7 शहर भी उच्च प्रदूषण में शामिल थे.
सबसे स्वच्छ शहर कौन सा है?
मेघालय का शिलॉन्ग सबसे स्वच्छ शहर रहा, जहां मासिक औसत PM2.5 केवल 7 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा. शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में छह कर्नाटक के, और एक-एक मेघालय, सिक्किम, तमिलनाडु और केरल के थे.