
भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पितृपक्ष के पवित्र अवसर पर दिल्ली स्थित विश्व रामायण आश्रम में स्थापित राष्ट्र मंदिर का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बलिदानी संतों, सैनिकों तथा वीर-वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने राष्ट्र मंदिर में पूजा-अर्चना कर भारत के प्रथम शिवलिंग 'मुनेश्वर' का पुष्प अभिषेक भी किया.
दरअसल, राष्ट्र मंदिर जो बलिदानी संतों और सैनिकों को समर्पित विश्व का प्रथम मंदिर है, आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब कोविंद ने राष्ट्र के प्रति अपने कृतज्ञतापूर्ण भाव व्यक्त किए.

'धर्म और राष्ट्रवाद का अटूट संबंध'
राष्ट्र मंदिर के संस्थापक अजय ने कहा कि धर्म और आध्यात्म का राष्ट्रवाद से अटूट संबंध और विशेष महत्व है. उन्होंने कहा कि हमारे देश की विशेषता ये है कि हम विकास करते हुए भी विरासत को नहीं भूलते. राष्ट्र मंदिर इसी दिशा में निरंतर सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों द्वारा युवाओं में आध्यात्मिक राष्ट्रवाद के संचार हेतु निरंतर कार्य कर रहा है.

इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिसमें समाजसेवी सत्य भूषण जैन, वी पी टंडन, राजेश अग्रवाल, एस के तिजारावाला, ईक्रांत शर्मा, मुकेश गुप्ता, हंस राज रेहलन, संजीव गुप्ता, के एम गुप्ता, प्रवीण शर्मा, संतोष जैन और राजू कश्यप शामिल थे. इन सभी ने राष्ट्र मंदिर के इस ऐतिहासिक क्षण में भाग लिया और पूर्व राष्ट्रपति के प्रयासों की सराहना की.