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बंगाल भाजपा पर हिंसा की फर्जी तस्वीरें फैलाने का आरोप, पार्टी के 'X' हैंडल के खिलाफ FIR दर्ज

पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से फैक्ट चेक पोस्ट भी शेयर किया. हालांकि बाद में बंगाल बीजेपी ने उस पोस्ट को हटा दिया. इसके बाद रविवार को कोलकाता के कराया पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई.

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हिंसा की फर्जी तस्वीरें पोस्ट करने के आरोप में बंगाल बीजेपी के X हैंडल पर एफआईआर. (Photo: X/@WestBengalPolice)
हिंसा की फर्जी तस्वीरें पोस्ट करने के आरोप में बंगाल बीजेपी के X हैंडल पर एफआईआर. (Photo: X/@WestBengalPolice)

पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में जारी हिंसा और तनाव के बीच पश्चिम बंगाल भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल (BJP4Bengal) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने बंगाल बीजेपी पर सोशल मीडिया पर हिंसा की फर्जी तस्वीरें प्रसारित करके समाज को भड़काने और सार्वजनिक शांति को बाधित करने का आरोप लगाया है. 

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पुलिस सूत्रों का दावा है कि कोलकाता निवासी एक व्यक्ति ने कराया पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और पश्चिम बंगाल भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल के एडमिन को एफआईआर में नामजद किया है. 13 अप्रैल को पश्चिम बंगाल भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से गणेश चतुर्थी, सरस्वती पूजा, राम नवमी, होली, दिवाली, दुर्गा पूजा, राम नवमी, हनुमान जयंती, दशहरा, संक्रांति जैसे विभिन्न हिंदू त्योहारों की नौ तस्वीरों वाला एक फोटो कोलाज पोस्ट किया गया. पोस्ट की प्रत्येक तस्वीर में भारी हिंसा दिखाई गई.

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बंगाल बीजेपी के एक्स हैंडल पर फोटो कोलाज शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया था, 'त्योहार कोई मायने नहीं रखता, उन्हें तो बस सब कुछ जलाने का बहाना चाहिए.' इस फोटो कोलाज से सीधे तौर पर इंगित होता है कि इन सभी छह हिंदू त्योहारों के दौरान हिंसा हुई थी. ये तस्वीरें बंगाल बीजेपी के सोशल मीडिया हैंडल पर तब पोस्ट की गई थीं जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की थी. फोटो कोलाज पोस्ट करने के बाद इसे कई यूजर्स ने फिर से शेयर किया था.

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पश्चिम बंगाल पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने बंगाल बीजेपी द्वारा शेयर किए गए पोस्ट का फैक्ट चेक किया. पुलिस सूत्रों का दावा है कि फैक्ट चेकिंग के दौरान पता चला कि फर्जी तस्वीरों का इस्तेमाल कर फोटो कोलाज बनाया गया था. अधिकांश तस्वीरें असम, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों की थीं और वे घटनाएं किसी हिंदू त्योहार के दौरान भी नहीं हुईं, बल्कि अधिकांश तस्वीरें सीएए और एनआरसी के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं से ली गई थीं. 

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पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से फैक्ट चेक पोस्ट भी शेयर किया. हालांकि बाद में बंगाल बीजेपी ने उस पोस्ट को हटा दिया. इसके बाद रविवार को कोलकाता के कराया पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि, 'यह पोस्ट कथित तौर पर फर्जी है, और इस तरह की पोस्ट सांप्रदायिक और राजनीतिक भावना को नुकसान पहुंचाने के इरादे से प्रसारित की जा रही है और समाज को उकसावा दिया जा रहा है. इस तरह के उकसावे से सार्वजनिक शांति और सौहार्द भंग हो सकता है या कोई अन्य अपराध हो सकता है.'

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शिकायत पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि, 'ऐसी पोस्ट में भ्रामक जानकारी है जिसका उद्देश्य धर्म और राजनीतिक आधार पर लोगों के समूहों के बीच दुश्मनी की भावना पैदा करना है, साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की गरिमा का जानबूझकर अपमान करना है.' इस लिखित शिकायत के आधार पर, कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल के एडमिन के खिलाफ बीएनएस की धारा 61(2), 196, 352, 353 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

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