डेटा प्रोटेक्शन बिल पर बनी संसद की संयुक्त समिति ने शुक्रवार को लगभग 2 घंटे फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी हेड अंखी दास से पूछताछ की. समिति ने फेसबुक से सवाल किया कि आमदनी का कितना हिस्सा वो देश में डेटा सुरक्षा पर इस्तेमाल करती है. कंटेंट, ओवरसीज ऑपरेशन्स और रेवेन्यू मॉडल पर भी फेसबुक से सवाल किए गए.
फेसबुक इंडिया की पॉलिसी टीम का हिस्सा अंखी दास से कंटेंट और कैसे उनकी टीम मॉनिटरिंग करती है, इससे जुड़े सवाल किए गए. फेसबुक ने यह सुनिश्चित किया कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर डेटा की निगरानी करती और उन पोस्ट्स पर रोक लगाती जो उसकी नीतियों के खिलाफ हैं.
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सांसदों ने इस बारे में जानकारी मांगी कि प्लेटफॉर्म सामग्री की निगरानी कैसे करता है और पोस्ट और वीडियो का फैक्ट चेक कैसे करता है. सदस्यों ने फेसबुक के रेवेन्यू मॉडल के बारे में सवाल किए.
सांसदों ने पूछा कि फेसबुक की आमदनी कैसी होती है. कुछ सदस्यों ने फेसबुक को अपने विज्ञापनदाताओं के साथ उपयोगकर्ता के डेटा साझा करने से भी रोका. सांसदों ने फेसबुक के अधिकारियों से यह भी पूछा कि डेटा सुरक्षा के लिए उनके राजस्व का कितना प्रतिशत उपयोग किया गया था.
समिति के कुछ सदस्यों ने फेसबुक से उसके विदेशी परिचालन के बारे में भी पूछा. इससे पहले ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन ने 28 अक्टूबर को डेटा प्रोटेक्शन बिल पर संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश होने से इनकार कर दिया. समिति की चेयरपर्सन बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने अमेजन के इनकार के बाद कहा कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.