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बिहार और 7 राज्यों में उपचुनावों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त, EC ने 470 अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी

निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा और सात अन्य राज्यों में उपचुनावों की निगरानी के लिए 470 केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. ये पर्यवेक्षक सामान्य, पुलिस और व्यय मामलों की देखरेख करेंगे और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता, पारदर्शिता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगे.

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पर्यवेक्षक चुनाव क्षेत्र में आयोग के अधीन काम करते हैं और चुनाव की पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. (Photo: X/@ECI)
पर्यवेक्षक चुनाव क्षेत्र में आयोग के अधीन काम करते हैं और चुनाव की पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. (Photo: X/@ECI)

निर्वाचन आयोग बिहार विधान सभा और कुछ राज्यों में उपचुनावों पर समग्र निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर रहा है. तीन वर्गों में ये पर्यवेक्षक सामान्य, पुलिस और व्यय मामलों पर निगरानी रखेंगे. भारतीय निर्वाचन आयोग संविधान प्रदत्त पूर्ण शक्तियों के तहत केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती करता है. संविधान का अनुच्छेद 324 आयोग को ये अधिकार और शक्ति देता है. इसके अलावा ऐसी शक्तियां लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी के तहत भी मिलती हैं.

चुनाव क्षेत्र में ये पर्यवेक्षक आयोग के अधीक्षण, नियंत्रण और अनुशासन के तहत काम करते हैंय उनकी नियुक्ति से लेकर चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक की अवधि के लिए सारी व्यवस्था आयोग ही करता है. पर्यवेक्षकों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भय चुनाव प्रक्रिया और उनकी ड्यूटी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण और गंभीर जिम्मेदारी सौंपी जाती है. यही चुनावों की निष्पक्षता और विश्वसनीयता का आधार बनती है.

'आयोग की आंख और कान होते हैं पर्यवेक्षक'

हमारी लोकतांत्रिक राजनीति में ये पर्यवेक्षक आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करते हैं. उनकी रिपोर्ट ही असल ईंधन का काम करती हैं. ये आयोग को निश्चित समय-समय पर और आवश्यकता के आधार पर रिपोर्ट भेजते रहते हैं. पर्यवेक्षक न केवल आयोग को उसके संवैधानिक जनादेश को पूरा करने में मदद करते हैं बल्कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के साथ-साथ इसमें मतदाताओं की जागरूकता और चुनावों में भागीदारी बढ़ाने में भी अपनी भूमिका निभाते हैं.

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पर्यवेक्षकों का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान करना और ठोस और ऑपरेटिव सिफारिशें तैयार करना है. प्रशासनिक सेवाओं में उनकी वरिष्ठता और लंबे अनुभव के आधार पर, जनरल और पुलिस पर्यवेक्षक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में आयोग की सहायता करते हैं.

पर्यवेक्षक दल में शामिल किए गए 470 अधिकारी

वे क्षेत्र में चुनावी प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की भी देखरेख करते हैं. व्यय पर्यवेक्षकों को चुनाव व्यय द्वारा उम्मीदवारों और संबंधित राजनीतिक दलों के किए गए चुनाव व्यय का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किया जाता है. निर्वाचन आयोग ने 470 अधिकारियों को पर्यवेक्षक दल में शामिल किया है. इनमें 320 आईएएस, 60 आईपीएस और 90 से अधिक आईआरएस और आईसीएएस आदि सेवाओं से जुड़े अधिकारी हैं. ये केंद्र या राज्य सरकारों में सेवा कर रहे हैं. 

बिहार और अन्य राज्यों में उपचुनाव के लिए की गई नियुक्ति

आगामी आम चुनाव के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति बिहार विधानसभा के अलावा कई राज्यों में उपचुनावों के लिए की गई है. उपचुनाव सात राज्यों में विधान सभा की आठ सीटों के लिए होंगे. इनमें जम्मू-कश्मीर में बड़गाम और नगरोटा, राजस्थान में अंटा, झारखंड में घाटशिला, तेलंगाना में जुबली हिल्स, पंजाब में तरनतारन, मिजोरम में डंपा और ओडिशा में नुआपाडा विधान सभा क्षेत्र के लिए होंगे.

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