राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू का कहर जारी है. पिछले 6 महीने में राजधानी में डेंगू के 3000 से ज्यादा केस मिले हैं. जबकि 1 मरीज की मौत भी हुई है. यह जानकारी दिल्ली नगर निगम MCD द्वारा सदन में पेश किए गए आधिकारिक आंकड़ों में सामने आई है. उधर, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में डेंगू के 10% मरीजों में DEN-2 वैरिएंट मिला है.
दिल्ली का क्या है हाल?
MCD के मुताबिक, सितंबर में दर्ज किए गए डेंगू के मामलों की संख्या चार साल में सबसे अधिक रही. हालांकि, एमसीडी द्वारा मंथली डाटा शेयर नहीं किया गया. MCD ने 5 अगस्त को पहली बार डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के आधिकारिक आंकड़े शेयर किए. इसके मुताबिक, 5 अगस्त तक डेंगू के 348 केस मिले थे. जबकि जुलाई में 121, जून में 40 और मई में 23 केस सामने आए थे.
आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में अब तक डेंगू के 3013 केस मिले. पिछले सालों की बात करें तो 2022-23 में डेंगू के 4469, 2021-22 में 9613, 2020-21 में 1072 और 2019-2020 में 2036 केस मिले थे. वहीं, डेंगू से मौत की बात करें, तो 2022-23 में 9, 2020-2021 में 1 और 2019-2020 में 2 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा दिल्ली में 1 अप्रैल से अब तक मलेरिया के 294 केस सामने आए हैं, जबकि चिकनगुनिया के 23 केस मिले हैं.
गाजियाबाद में DEN-2 वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजियाबाद के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गाजियाबाद से 50 मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए लखनऊ भेजे गए थे. इनमें से 5 मरीज डेंगू के DEN-2 वैरिएंट से संक्रमित मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक, डेंगू के अभी तक चार वैरिएंट DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4 सामने आए हैं. DEN-2 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जाता है.
कितना खतरनाक है DEN-2 वैरिएंट
डेंगू बुखार का मुख्य लक्षण प्लेटलेट्स काउंट में कमी है. लेकिन DEN-2 वैरिएंट में मरीज को शॉक सिंड्रोम से अधिक संबंधित है और ब्लड प्रेशर में कमी, कम पेशाब, कमजोरी और चक्कर आते हैं. ऐसे में मरीज को डेंगू बुखार कम होने के बाद भी, कम से कम अगले पांच दिनों तक स्वास्थ्य जांच कराना जरूरी है.
कब फैलता है डेंगू
डेंगू संक्रमण DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4 वायरस से फैलता है. इन चारों वायरस को सीरोटाइप कहा जाता है क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं. आप अलग-अलग स्ट्रेन से चार बार भी डेंगू से संक्रमित हो सकते हैं. डेंगू का मौसम मानसून के बाद शुरू होता है और सर्दियों की शुरुआत तक रहता है.
डॉक्टर्स के अनुसार डेंगू के मामले दो स्थितियों में ज्यादा गंभीर (Complications in Dengue) हो जाते हैं. पहला ब्लड प्रेशर का अचानक कम हो जाना और दूसरा प्लेटलेट्स तेजी से गिरना. इस स्थिति में ब्लीडिंग का खतरा भी बढ़ जाता है. कम गंभीर मामलों में मरीज को 5-6 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है.
ऐसे करें बचाव
डेंगू मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है और इससे बचाव (Dengue precautions) करना बहुत जरूरी है. डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय काटता है. इसलिए दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं. इन दिनों फुल बाजू के कपड़े और पावों में जूते पहन कर रहें. शरीर को कहीं से भी खुला ना छोड़ें. घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें. कूलर, गमले, टायर में जमे पानी को भी बहा दें. कूलर में अगर पानी है तो इसे भी खाली कर लें वरना इसमें मच्छर पनप सकते हैं. रात में सोते समय मच्छरदानी लगाना बचाव का सबसे सही तरीका है.