scorecardresearch
 

भारतीय रक्षा बल और होगा मजबूत, 70 हजार करोड़ से खरीदे जाएंगे समुद्री हेलिकॉप्टर और ब्रह्मोस मिसाइलें

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय रक्षा बलों के लिए विभिन्न हथियार प्रणालियों की खरीद के लिए 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इस संबंध में रक्षा अधिकारी ने जानकारी दी है. रक्षा मंत्रालय की एक हाई लेवल मीटिंग में DRDO प्रौद्योगिकी के साथ भारतीय फर्मों द्वारा विकसित 307 ATAGS हॉवित्जर तोपों को मंजूरी दी गई है.

Advertisement
X
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो)
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो)

मेक इन इंडिया के लिए भारत ने एक और बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ बल की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना के लिए 60 नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (समुद्री) खरीदने की अनुमति दी है. केंद्र सरकार ने 70,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के सौदों को मंजूरी दी है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 60 मेड इन इंडिया यूटिलिटी हेलिकॉप्टर मरीन और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, भारतीय सेना के लिए 307 ATAGS हॉवित्जर, भारतीय तट रक्षक के लिए 9 ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जा रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार इसके लिए कदम उठा रही है.

भारतीय तट रक्षक बल को 4 हेलिकॉप्टर मिलेंगे

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, UH मरीन ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर का एक वैरिएंट है और 2025-26 की समय-सीमा तक समुद्री जरूरतों के लिए तैयार हो जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तट रक्षक के लिए 3800 करोड़ रुपये से ज्यादा के 9 ALH ध्रुव मार्क 4 हेलिकॉप्टरों के अधिग्रहण को भी मंजूरी दे दी है.

Advertisement

इस सौदे में भारतीय नौसेना के लिए एचएएल से 60 यूएच समुद्री हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए 32,000 करोड़ रुपये का मेगा ऑर्डर शामिल है.

रक्षा मंत्रालय संसद में पेश किया है विधेयक

इससे पहले थिएटर कमांड बनाने के अपने कदम के बीच बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने संसद में एक विधेयक पेश किया, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार दिए गए हैं. विधेयक को अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 नाम दिया गया है.

विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार अधिसूचना द्वारा एक अंतर-सेवा संगठन का गठन कर सकती है, जिसमें एक संयुक्त सेवा कमान शामिल हो सकती है, जिसमें इकाइयां या सेवा कर्मी शामिल हैं, जो किसी भी सेवा अधिनियम के अधीन हैं, जैसा कि कमांड के तहत रखा जा सकता है. कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड  जैसा भी मामला हो.

यह बिल संसद में ऐसे समय में पेश किया गया है जब रक्षा मंत्रालय खतरों से निपटने के लिए थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहा है और इस दिशा में काम करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया गया है.

 

Advertisement
Advertisement