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'बागी कैंडिडेट उतारकर मुझे हराया...', कांग्रेस नेता परविंद्र परी ने अपनी ही पार्टी के लोगों पर लगाया हराने का आरोप

कांग्रेस नेता परविंद्र सिंह परी ने कहा, "हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, सच्चे कार्यकर्ता हैं. पार्टी के साथ हमेशा दुख-सुख के साथ खड़े हैं. मुझे वो दिन भी याद है, जब राहुल जी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी. हमने यात्रा को कामयाब किया, हम चार दिन सोए नहीं."

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कांग्रेस नेता परविंद्र सिंह परी
कांग्रेस नेता परविंद्र सिंह परी

हरियाणा चुनाव (Haryana Election) के नतीजे आ चुके हैं और सूबे में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी नेता अनिल विज से हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार परविंद्र सिंह परी ने पार्टी के लोगों पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, "चुनाव हारना और चुनाव हराने में फर्क है. मुझे चुनाव हराया गया है, पार्टी ने ही एक बागी उम्मीदवार खड़ा करके एक षडयंत्र रचा और इसी के तहत मुझे चुनाव हराया गया है."

कुमारी शैलजा की नाराजगी वाले सवाल पर परविंद्र परी ने कहा कि शैलजा जी की नाराजगी वही बेहतर बता पाएंगी, अगर वो सही समय पर आती तो चुनाव के नतीजे कुछ और होते. 

उन्होंने आगे कहा कि कहीं ना कहीं राहुल गांधी जी को गलत सूचना दी गई, उन्हें मिसगाइड किया गया. हमें एक प्वाइंट दिया गया कि राहुल जी यहां से गुजरेंगे और हमें यहां पर इकट्ठा होना है. जब हमने राहुल जी का काफिला और उनसे बात की तो उनको बताया गया कि ये एरिया अंबाला विधानसभा का इलाका ही नहीं है. इसको सुनकर उन्हें अचंबा हुआ. पूरे हरियाणा को ये अचंभा है कि एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार जो 6 बार चुनाव हार जाते हैं, उसके बावजूद उनको कांग्रेस पार्टी एक टिकट देती है, वो एक टिकट से नाखुश हुए और अपनी बेटी को अंबाला छावनी से निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में उतारा. 

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परविंद्र परी ने आगे कहा, "हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, सच्चे कार्यकर्ता हैं. पार्टी के साथ हमेशा दुख-सुख के साथ खड़े हैं. मुझे वो दिन भी याद है, जब राहुल जी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी. हमने यात्रा को कामयाब किया, हम चार दिन सोए नहीं."

यह भी पढ़ें: हरियाणा चुनाव: एक दर्जन सीटों पर कांटे की टक्कर, 3000 से कम वोटों के अंतर से हुई जीत

क्या रहे चुनाव नतीजे?

हरियाणा में बीजेपी पिछले 10 साल से सत्ता में थी और अब तीसरी बार राज्य की कमान मिली है. हरियाणा में बीजेपी ने हैट्रिक लगाया है और ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस गठबंधन ने 37 सीटें जीती हैं. आईएनएलडी गठबंधन ने दो सीटें जीती हैं, जेजेपी का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुला; जबकि अन्य के खाते में तीन सीटें गई हैं.

हरियाणा में 65% से ज्यादा हुई थी वोटिंग

हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में वोट डाले गए थे. इस बार हरियाणा चुनाव में 67.9% वोटिंग हुई. ऐलनाबाद में सबसे ज्यादा 80.61% और बड़खल में सबसे कम 48.27% मतदान हुआ है. जबकि, लोकसभा चुनाव में 64.8% वोट पड़े थे.

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2019 में क्या रहे थे नतीजे

90 सीटों वाली विधानसभा में पिछली बार बीजेपी बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी. बाद में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. हालांकि, इसी साल मार्च में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया था. फिलहाल हरियाणा में एनडीए के पास 43 और इंडिया ब्लॉक के पास 42 सीटें हैं. 

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