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बेंगलुरु भगदड़ पर आज विधानसभा में जवाब देंगे सिद्धारमैया, हादसे में हुई थी 11 लोगों की मौत

बेंगलुरु भगदड़ मामले में सीएम सिद्धामैया आज विधानसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे. वहीं गुरुवार को राज्य के गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा कहा है कि उसे खेल गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन अब हमें लगता है कि सरकार को इसमें शामिल होना चाहिए. इसलिए हमने इन गतिविधियों के लिए कुछ प्रावधान लाने का फैसला किया है.

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बेंगलुरु भगदड़ मामले में आज जवाब देंगे सीएम. (Photo:ITG)
बेंगलुरु भगदड़ मामले में आज जवाब देंगे सीएम. (Photo:ITG)

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया आज कर्नाटक विधानसभा में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ की घटना पर जवाब देंगे. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. इस मामले में बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी. दयानंद समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया था. वहीं, विपक्षी बीजेपी ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए सीएम से माफी व इस्तीफे की मांग की है.

दरअसल, गुरुवार को बीजेपी ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर जवाब मांगा, जिसके जवाब में सिद्धारमैया ने कहा कि वह शुक्रवार को जवाब देंगे. विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'आपने मेरे, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और गृह मंत्री जी. परमेश्वर के इस्तीफे की मांग की है. मैं इस पर आज जवाब दूंगा.'

भगदड़ में कई 11 लोगों की जान

पहले राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विधानसभा में कहा, 'भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई. हमने पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जॉन माइकल डी'कुन्हा से भगदड़ पर रिपोर्ट मंगवाई. लेकिन हम खोई हुई जानें वापस नहीं ला सकते. अब आगे क्या करें? इसलिए हम क्राउड मैनेजमेंट विधेयक लेकर आए हैं, जिसके तहत भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सुविधाओं और सुरक्षा के लिए मानक संचालक प्रक्रिया (SOP) तय की जाएगी.'

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उन्होंने कहा कि चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम देश के बेहतरीन स्टेडियमों में से एक माना जाता है, क्योंकि ये कुछ ही वक्त में बारिश का सारा पानी सोख लेता है, लेकिन इसकी क्षमता केवल 33,000 लोगों के बैठने की है. जबकि घटना के वक्त 2-3 लाख लोग जमा हो गए थे.

उन्होंने बताया, 'हमें एक लाख से ज़्यादा क्षमता वाले स्टेडियम की ज़रूरत है. हम KSCA को तुमकुरु रोड पर ज़मीन दे रहे हैं. हमारे पास एक क्रिकेट अकादमी भी होनी चाहिए. सरकार देवनहल्ली में स्पोर्ट्स सिटी भी बना रही है.'

'हमने कुछ प्रावधान लाने का किया है फैसला'

परमेश्वर ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा कहा है कि उसे खेल गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन अब हमें लगता है कि सरकार को इसमें शामिल होना चाहिए. इसलिए हमने इन गतिविधियों के लिए कुछ प्रावधान लाने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि मामला (भगदड़ का मुद्दा) अदालत में विचाराधीन है, इसलिए उन्होंने इस पर बोलने से परहेज किया. हमें न्यायालय के आदेश का इंतजार करना होगा, उसके अनुसार सरकार फैसला लेगी.

बीजेपी नेता ने साधा निशाना

इसके इतर कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए था, क्योंकि वे भगदड़ के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन परमेश्वर को जवाब देने के लिए कहा गया.

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उन्होंने ये भी कहा कि गृह मंत्री ने ये नहीं बताया कि अनुमति किसने दी.

अशोक ने आरोप लगाया कि भगदड़ मुख्यमंत्री और उनके उपमुख्यमंत्री के बीच 'क्रेडिट वॉर' का नतीजा थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों को इसकी कीमत चुकानी पड़ी, क्योंकि उन्हें निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया.

उन्होंने ने कहा, 'चिन्नास्वामी स्टेडियम में 11 लोगों की मौत के बाद भी आप विधान सौध की सीढ़ियों पर कार्यक्रम कैसे आयोजित कर पाए? आपने गलत किया. सरकार आज आरोपी के रूप में खड़ी है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इसे स्वीकार करें.'

बता दें कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित समारोह KSCA, RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित किया गया था. सरकार ने केवल विधान सौधा में आयोजित समारोह की अनुमति दी थी, जहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

वहीं, घटना के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की, जबकि RCB ने भी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. सरकार ने घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का वादा किया.

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