राहुल गांधी के बाद केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान मंगलवार को दिवंगत आईपीएस वाई. पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात करने चंडीगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया.
पूरन के परिवार से मुलाकात के बाद चिराग ने कहा कि ये दुखद घटना है और ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने राहुल गांधी के दौरे को राजनीतिक करार देते हुए इस मामले को राजनीति से दूर रखने की अपील की.
चिराग पासवान ने परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'न्याय परिवार को मिले, ये मेरी और मेरी सरकार की प्राथमिकता है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कितने ही बड़े पद पर हो.'
'मैं परिवार को भरोसा दिलाने आया हूं'
उन्होंने जोर देकर कहा, 'मैं परिवार को भरोसा दिलवाने आया हूं कि इंसाफ मिलेगा जो भी बड़ा अधिकारी हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. हमारी सरकार इस पर पूरी कार्रवाई कर रही है, डीजीपी को हटाया भी गया है.'
पासवान ने सुसाइड नोट में लगाए गए जातिगत उत्पीड़न के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि ये प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त विष को उजागर करता है.
भविष्य में न हों ऐसी घटना
पासवान ने परिवार को सांत्वना देते हुए कहा, 'भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसे सुनिश्चित करेंगे.' पासवान ने इस मामले में हरियाणा सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की है, जिस बारे में उन्होंने पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है.
'राहुल करके गए राजनीति'
राहुल गांधी के दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए पासवान ने कहा, 'राहुल गांधी आकर राजनीति करके गए हैं. मैं इस मामले को राजनीतिक मोड़ देने का पक्षधर नहीं हूं. परिवार के साथ अन्याय हुआ है, न्याय मिले- हम सभी यही चाहते हैं.'
उन्होंने जोर दिया कि ये घटना जातिगत भेदभाव का मामला है, जिसे राजनीति से ऊपर रखना चाहिए. पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी फोन पर बात की थी और समयबद्ध, निष्पक्ष जांच की मांग की.
वहीं, इस दौरान जब बिहार विधानसभा चुनाव से संबंध सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं इसको राजनीतिक तौर पर नहीं देख रहा हूं. सिर्फ न्याय सुनिश्चित करना ही मेरी प्राथमिकता है. उधर, बिहार में चल रही एनडीए की सीट शेयरिंग को लेकर विवाद के बीच ये बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है.