2018 में लालू यादव के खिलाफ रेलवे प्रोजेक्ट आवंटन मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे. हालांकि तीन साल बाद जांच बंद कर दी गई और मामला तब शांत हो गया लेकिन जब से नीतीश वापस से महागठबंधन का हिस्सा हुए हैं इस मामले में वापस तूल पकड़ना शुरू किया और अब वापस से रेलवे घोटाले की जांच सीबीआई करने वाली है. लालू के अलावा इस मामले में उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव भी आरोपी हैं.
अधिकारियों ने कहा है कि जो मामला पहले था, उसी की जांच हो रही है और कोई मामला नहीं बनाया गया है. तो ये घोटाला है क्या और लालू समेत उनके बेटे, बेटियों का नाम इसमें क्यों आ रहे हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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कर्नाटक में बीजेपी के सामने नया संकट खड़ा हो गया है. बीजेपी से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी ने बीजेपी से दो दशक पुराना रिश्ता तोड़कर नई पार्टी बना ली है और पार्टी का नाम रखा है “कल्याण राज्य प्रगति पार्टी”. साथ ही ऐलान किया है कि कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का वो विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. रेड्डी पर अवैध खनन के आरोप हैं और वो लगभग 12 सालों से राजनीति से बाहर हैं. हालांकि 2018 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र में अपने दोस्त और मंत्री बी श्रीरामुलु के लिए प्रचार ज़रूर किया था जिसमें मोलाकलमुरु की जीत हुई थी लेकिन उसी दौरान खनन घोटाले में जनार्दन रेड्डी की कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद अमित शाह का भी बयान आया कि उन्हें जनार्दन रेड्डी से कोई मतलब नहीं है. अब अमित शाह को जनार्दन से भले मतलब न हो लेकिन जनार्दन अपना मतलब निकालने के लिए तो वापस राजनीति में एक्टिव हो चुके हैं जिससे ख़तरा अब बीजेपी को होगा, ऐसा एक्सपर्ट्स कह रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि 12 सालों बाद राजनीति में वापसी करने जा रहे जनार्दन रेड्डी कर्नाटक की राजनीति में अभी कितने रेलिवेंट है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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2022 अस्ताचल की ओर है. इस साल मार्केट का मिक्स रिस्पांस रहा. मार्केट कुछ दिनों के लिए ऑल टाइम हाई पर भी रहा तो ऑल टाइम लो से भी उसका सामना हुआ. हालांकि ग्लोबल बाजारों को भारत ने इस साल ज़रूर पछाड़ा. रिटेल महंगाई को लेकर भी आंकड़े आए नवंबर के जो रिजर्व बैंक के टारगेट से कम है जो मार्केट के बारे में ठीक-ठाक अंदाज़ा देता है. वहीं नए साल और उसके बाद केंद्र सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाने की दिशा में काम करेगी. इस बात की संभावना भी है कि निजी निवेश बढ़ेगा. ऐसे में निफ़्टी अर्निंग्स शानदार बने रहने का अनुमान भी लगाया जा रहा है. फाइनेंशियल ईयर 2022-24 के बीच इसमे 17 फीसदी की जोरदार सीएजीआर ग्रोथ की संभावना है. 2022 का साल मार्केट के लिए कैसा रहा और कौन से स्टॉक्स थे जिससे इन्वेस्टर्स को फायदा और नुकसान हुआ? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.