आंध्र प्रदेश के एनटीआर और कृष्णा जिले में भारी बारिश के कारण बुदमेरू नहर में जलस्तर बढ़ कई इलाकों में पानी भर गया है. इलाके में फंसे हुए लोगों के सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए भारतीय सेना ने इलाके में इंजीनियर टास्क फोर्स तैनात कर दिए हैं.
आंध्र प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ मिलकर स्थिति का प्रबंधन करने के लिए भारतीय सेना की विशेषज्ञ टीम को बुलाया है.
सिकंदराबाद स्थित इन्फैंट्री डिवीजन के तहत एक इंजीनियर रेजिमेंट के विशेष इंजीनियरों की एक प्रारंभिक टोही टीम को पहले ही भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विमान द्वारा बेगमपेट से प्रभावित इलाके में भेजा जा चुका है. ये टीम वर्तमान में हुए नुकसान का आकलन कर रही है और इलाके में बाढ़ को रोकने के लिए तत्काल रोकथाम के उपायों की योजना बना रही है.
'तैयार होगी 30 जवानों की दूसरी टीम'
इसके बाद हकीमपेट एयरबेस से तैनाती के लिए आवश्यक इक्यूपमेंट्स से लैस 30 जवानों की दूसरी टीम तैयार की जा रही है. उन्हें वायुसेना के एएन-32 विमान से एयरलिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा एक राहत कॉलम स्टैंडबाय पर है और चल रहे प्रयासों का समर्थन करने के लिए सड़क मार्ग से जाने के लिए तैयार है.
वहीं, भारतीय सेना जरूरत पड़ने पर तुरंत प्रभावी मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस आपात स्थिति के लिए एकीकृत और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एनडीएमए और एसडीएमए दोनों के साथ इस ऑपरेशन को सावधानीपूर्वक समन्वित कर रही हैं. हालांकि, अभी स्थित सही नहीं और भारतीय सेना लोगों की जान बचाने और संपत्ति के लिए जरूरी कदम उठाने को तैयार है.
CM की नाव चालकों को चेतावनी
वहीं, आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव चलाने वाले लोगों को कड़ी चेतावनी दी है और उन्हें बाढ़ पीड़ितों से बचाव सेवाओं के लिए पैसे न लेने की अपील की है.
विजयवाड़ा के निकट बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अपने दौरे के दौरान नायडू ने घोषणा की कि राज्य सरकार निजी नाव संचालन से संबंधित सभी खर्चों को वहन करेगी तथा चेतावनी दी कि पीड़ितों से धन एकत्र करते हुए पाए जाने वाले किसी भी संचालक को कारावास की सजा दी जाएगी.