पाकिस्तान के बहावलपुर में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा किए गए सटीक हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर का भाई अब्दुल रऊफ असगर गंभीर रूप से घायल हो गया. खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी समूह में दूसरे नंबर का कमांडर असगर फिलहाल पाकिस्तान के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है. यह घटनाक्रम जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के उस बयान के बाद हुआ है, जिसमें उसने कहा था कि भारतीय हमलों में उसके परिवार के 14 सदस्य और 4 करीबी सहयोगी मारे गए हैं.
बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में अजहर की बड़ी बहन, उसका पति, उसका भतीजा और उसकी पत्नी, एक और भतीजी और पांच बच्चे, साथ ही अजहर की मां और तीन प्रमुख सहयोगी भी शामिल हैं. उसका भाई अब्दुल रऊफ असगर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भूमिका के कारण मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक है. अब्दुल रऊफ 1974 में पाकिस्तान में पैदा हुआ था. वह भारत में कई आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल रहा है. उसने ही 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के अपहरण की साजिश रची थी.
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संसद और पठानकोट एयरबेस अटैक का मास्टरमाइंड है रऊफ
साल 2001 में भारतीय संसद पर हमला और 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना बेस को निशाना बनाने की साजिश में अब्दुल रऊफ असगर शामिल रहा है. मई 2023 में, यह पता चला कि चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध सूची में जोड़ने के भारत के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी. अगस्त 2022 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने, रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने तथा उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर रोक लगा दिया था.
अब्दुल रऊफ असगर पर अमेरिका ने दिसंबर 2010 में प्रतिबंध लगाया था. उसके नेतृत्व में 2016 में जैश ने उरी हमले को अंजाम दिया जिसमें 19 भारतीय सैनिक मारे गए. तीन साल बाद, 14 फरवरी, 2019 को रऊफ ने पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट की साजिश रची थी जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. भारत ने 6 मई की देर रात बालाकोट के बाद से अब तक का सबसे बड़ा सीमा पार हमला किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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ऑपरेशन सिंदूर में जैश का सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स हुआ तबाह
बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख ठिकाना है, जो ऑपरेशन सिंदूर के 9 लक्ष्यों में से एक था. भारतीय मिसाइलों ने सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स पर हमला किया, जहां जैश-ए-मोहम्मद की जामिया मस्जिद स्थित है. इसे स्थानीय तौर पर उस्मान-ओ-अली कैम्पस के नाम से जाना जाता है. भारत के हमले में सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स का अधिकांश हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया. लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित बहावलपुर को जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है. इस आतंकी संगठन का संस्थापक मसूद अजहर है- जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. उसका जन्म बहावलपुर में ही हुआ था और वह एक बेहद सुरक्षित कॉम्प्लेक्स में रहता है. उसे और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को कई सालों से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है.