
BMC setting up 7 sewage treatment plants in Mumbai: देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुंबई शहर में गंदे पानी को साफ करने की योजना को लेकर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने खास प्लान तैयार किया है. बीएमसी अब शहर में प्रतिदिन पैदा होने वाले 246.40 करोड़ लीटर सीवेज के ट्रीटमेंट के लिए सात आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाने का काम शुरू कर दिया है.
इन प्लांटों के पूरी तरह चालू होने पर यह एशिया की सबसे बड़ी सीवेज ट्रीटमेंट सुविधा बन जाएगी. परियोजना की कुल लागत 17,000 करोड़ रुपये है. फिलहाल मुंबई में प्रतिदिन 2,190 मिलियन लीटर सीवेज उत्पन्न होता है, जिसमें से मात्र 1 प्रतिशत ही ट्रीट किया जा रहा है.
7 स्थानों पर बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
प्रक्रिया में तीन स्तरों की सफाई
मुंबई सीवरेज प्रोजेक्ट के डिप्टी चीफ इंजीनियर अशोक मेंगड़े ने बताया कि इन प्लांट्स में गंदे पानी की सफाई तीन स्तरों पर होगी - प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक.
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तृतीयक उपचार के बाद पानी को गैर-पीने योग्य कार्यों जैसे इरिगेशन, इंडस्ट्रियों और शौचालयों में इस्तेमाल किया जा सकेगा. प्लांट्स में बनने वाले बायोगैस से बिजली भी तैयार की जाएगी. ट्रीटमेंट के बाद बचने वाले कीचड़ को 'ए' ग्रेड मानकों के तहत निपटाया जाएगा.

BMC का उद्देश्य क्या है और इससे लाभ क्या मिलेगा?
इसके पीछे उद्देश्य है कि मुंबई की नदियों और समुद्र में गंदे पानी का प्रवाह रोका जाएगा. गैर-पीने योग्य पानी की कमी को दूर किया जा सकेगा.
इससे लाभ होगा कि पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी और भविष्य में पीने योग्य पानी पर दबाव कम होगा.
वर्तमान में कितना पानी साफ करती है बीएमसी?
अभी मुंबई में पैदा होने वाले कुल सीवेज में से सिर्फ 22.65 MLD यानी लगभग 1 फीसदी ही ट्रीट किया जाता है. यह नया प्रोजेक्ट इस संख्या को कई गुना बढ़ा देगा.