scorecardresearch
 

मनोहर जोशी: बाला साहब ठाकरे के करीबी, शिवसेना के पहले CM और वाजपेयी सरकार में स्पीकर से केंद्रीय मंत्री तक बने

महाराष्ट्र के दिग्गज नेता मनोहर जोशी का निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई नगर निगम में पार्षद का चुनाव जीतकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. उसके बाद वे मेयर, विधान परिषद सदस्य, विधायक, लोकसभा, राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री तक बने. बाद में वो एनडीए सरकार के दौरान लोकसभा अध्यक्ष भी रहे हैं.

Advertisement
X
मनोहर जोशी महाराष्ट्र में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे. (फाइल फोटो)
मनोहर जोशी महाराष्ट्र में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे. (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के कद्दावर नेता मनोहर जोशी का शुक्रवार तड़के मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. उन्हें 21 फरवरी को हार्टअटैक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मनोहर जोशी की अंतिम यात्रा दोपहर 2 बजे के बाद शुरू होगी. राजकीय सम्मान के साथ दादर श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

मनोहर जोशी बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक थे. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मुंबई नगर निगम में पार्षद के रूप में की. वे 70 के दशक में शिवसेना के बैनर तले पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे. बाद में वो मेयर, विधान परिषद सदस्य, विधायक, लोकसभा, राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री तक बने. बाद में वो एनडीए सरकार के दौरान लोकसभा अध्यक्ष भी रहे हैं.

'जोशी ने 1967 में राजनीति में एंट्री की'

जोशी 1976 से 1977 तक मुंबई के मेयर रहे. 1995 से 1999 तक शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार में पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे. उसके बाद 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे. जोशी ने अपना करियर एक शिक्षक के रूप में शुरू किया. साल 1967 में राजनीति में एंट्री की. 70 के दशक में पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए. करीब पांच दशक तक महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय रहे.

Advertisement

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के पूर्व CM और शिवसेना के दिग्गज नेता मनोहर जोशी का निधन, 86 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

जानिए मनोहर जोशी के बारे में?

मनोहर जोशी मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड इलाके के रहने वाले थे. उनका जन्म 2 दिसंबर 1937 में रायगढ़ जिले के नंदवी गांव में हुआ था. मुंबई के प्रसिद्ध वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (VJTI) से सिविल इंजीनियरिंग की. उसके बाद वे आरएसएस से से जुड़े और फिर 1966 में शिवसेना की स्थापना के बाद वो उससे जुड़ गए. 

'बालासाहेब की पहली पसंद रहे मनोहर जोशी'

मनोहर गजानन जोशी शिवसेना-बीजेपी सरकार में पहले सीएम बनाए गए थे. जोशी को बालासाहेब का बेहद करीबी माना जाता था. वे शिवसेना में मुंबई से दिल्ली तक शिवसेना के प्रमुख चेहरे के तौर पर गिने जाते थे. जब महाराष्ट्र में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो सीएम के तौर पर बालासाहेब ठाकरे की पहली पसंद जोशी बने. बालासाहेब ने एक बयान में साफ कहा था कि मैं खुद मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा. उन्होंने अपने सबसे करीबी मनोहर जोशी को सीएम बनाया.

यह भी पढ़ें: बीजेपी छोड़ शिवसेना ठाकरे गुट में शामिल हुए राजेश वानखेड़े, बालाजी किनिकर की बढ़ी टेंशन!

जानकार कहते हैं कि तब बाला साहेब चाहते तो खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने भरोसेमंद चेहरे जोशी को आगे बढ़ाया. यह सिलसिला यहीं तक नहीं थमा. 

Advertisement

'एनडीए सरकार में लोकसभा में स्पीकर रहे जोशी'

जोशी ने 1999 में शिवसेना के टिकट पर मुंबई सेंट्रल सीट से लोकसभा का चुनाव जीता और साल 2002-04 के बीच एनडीए सरकार के दौरान लोकसभा में स्पीकर भी रहे. वे वाजपेयी सरकार में शिवसेना कोटे से केंद्रीय मंत्री भी रहे. साल 2006 में शिवसेना ने जोशी को राज्यसभा भी भेजा. शिवसेना की तरफ से जोशी ही दिल्ली में पार्टी के प्रमुख चेहरा रहे. राजनीतिक गलियारों में उन्हें प्यार से 'जोशी सर' कहा जाता था.  जोशी का एक बेटा और दो बेटियां हैं. बेटे का नाम उन्मेश जोशी है. 

जोशी के सीएम बनने की क्या है कहानी...

शिवसेना महाराष्ट्र में पहली बार 1995 में पहली बार सत्ता में आई थी. उसने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. सत्ता की कमान शिवसेना को मिली थी और बाल ठाकरे ने अपने सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले मनोहर जोशी के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजाया था. इस तरह से जोशी ने शिवसेना के पहली मुख्यमंत्री बनने का खिताब अपने नाम किया था. मनोहर जोशी 14 मार्च,1995 को मुख्यमंत्री बने और 31 जनवरी 1999 तक इस पद पर रहे. इस तरह मनोहर जोशी ने 3 साल 323 दिन कार्यभार संभाला और पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. शिवसेना के दूसरे दिन नारायण राणे और तीसरे सीएम के रूप में उद्धव ठाकरे बने. मनोहर जोशी भले ही शिवसेना के पहले मुख्यमंत्री रहे, लेकिन सत्ता का रिमोट कंट्रोल बालासाहेब ठाकरे के हाथों में ही रहा. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement