महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत का दावा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र की जनता द्वारा बीजेपी और महायुति पर फिर से भरोसा जताने के लिए उनका आभार जताया.
महाराष्ट्र चुनाव आयोग के मुताबिक, रविवार रात 11 बजे तक की गणना में स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी यानी महायुति ने नगर परिषद अध्यक्ष के 207 पद जीते जबकि कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) ने 44 पदों पर जीत दर्ज की.
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी ने नगर परिषद अध्यक्ष के 117 पद जीते. शिवसेना ने 53 और एनसीपी ने 37 पद हासिल किए. कांग्रेस को 28, एनसीपी (SP) को सात और शिवसेना (UBT) को नौ पद मिले. निर्दलीय उम्मीदवारों ने पांच सीटें जीतीं.
निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहा नांदेड का लोहा नगरपरिषद. बीजेपी ने यहां से एक ही घर से 6 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे. लेकिन इन सभी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा. गजानन सूर्यवंशी लोहा के बड़े स्थानीय नेता माने जाते हैं. उनका शहर में अच्छा दबदबा रहा है. बीजेपी ने उसी का फायदा उठाने की कोशिश की थी. लेकिन यहां से अजित पवार की एनसीपी के प्रत्याशी शरद पवार ने बाजी मारी है.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि महाराष्ट्र विकास के साथ मजबूती से खड़ा है. नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी और महायुति को आशीर्वाद देने के लिए महाराष्ट्र की जनता का आभारी हूं. यह जनकेंद्रित विकास के हमारे दृष्टिकोण में विश्वास को दर्शाता है. हम राज्य भर के प्रत्येक नागरिक की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ऊर्जा के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दौरान पीएम मोदी ने जमीनी स्तर पर किए गए अथक परिश्रम के लिए बीजेपी और महायुति के कार्यकर्ताओं की भी सराहना की.
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शाम पांच बजे के आसपास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 288 में से 129 जगहों पर बीजेपी ने नगर अध्यक्ष पद हासिल किया है और लगभग 3325 पार्षद चुनकर आए हैं. अगर कुल मिलाकर देखें तो नगर परिषद और नगर पंचायत में जितने पार्षद हैं, उनमें से 48 फीसदी पार्षद बीजेपी के हैं और हम आगे महानगरपालिका के चुनाव में भी इसी तरह जीत का परचम आगे लेकर जाएंगे.
बता दें कि महाराष्ट्र मे चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी इस जीत के लिए बधाई दी. एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 40 से ज्यादा जगहों पर नगर अध्यक्ष पद हासिल किया है तो अजित पवार भी 30 से ज्यादा शहरों मे सत्ता पाने मे सफल रहे हैं.
फडणवीस ने कहा कि मैंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि हम 75 फीसदी से ज्यादा सीट जीतेंगे और अगर आप पूरा नंबर देखे तो महायुती ने 75 फीसदी से ज्यादा जगहों पर अपना नगर अध्यक्ष बनाया है. उन्होंने कहा कि मैं पहला मुख्यमंत्री हूं, जिसने प्रचार के दौरान ना तो किसी नेता पर टिप्पण की और ना ही किसी पार्टी को निशाना बनाया. मैंने बस विकास के मुद्दे पर वोट मांगे और महाराष्ट्र की जनता ने मुझे तगड़ा समर्थन भी दिया इसलिए मैं महाराष्ट्र की जनता का आभारी हूं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने भी महाराष्ट्र नगर पंचायत व नगर परिषद के चुनाव में महायुति को प्रचंड समर्थन देने के लिए प्रदेश की जनता का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि यह विजय मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की केंद्र व राज्य सरकार के हर वर्ग के कल्याण के विजन पर जनता का आशीर्वाद है. इस जीत पर मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित एनडीए के सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देता हूं. इसके साथ ही बीजेपी के सबसे अधिक सीटें जीतने पर प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी महाराष्ट्र के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई.
वहीं, विपक्ष ने बीजेपी की जीत के दावे पर तंज कसा है. यह जीत दहशत और पैसों के बंडलों की होने का दावा शिवसेना (यूबीटी) ने किया है और चुनाव मे लेवल प्लेइंग फील्ड ना होने की शिकायत भी कांग्रेस के साथ साथ शिवसेना ने भी की है. इतना ही नहीं, इस जीत के लिए इलेक्शन कमिशन ने बीजेपी को भारी जीत के लिए बहोत मदद की है, ऐसी टिपण्णी काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने की है.
चुनावी नतीजों पर विपक्ष का चुनाव आयोग पर तंज
महाराष्ट्र में विपक्षी कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने रविवार को नगर परिषद तथा नगर पंचायत चुनावों में हार को लगभग स्वीकार कर लिया और सत्तारूढ़ महायुति की जीत को लेकर चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नगर परिषद अध्यक्ष और पार्षद पद जीतने वाले पार्टी उम्मीदवारों को बधाई दी. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महायुति की जीत का श्रेय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ को दिया और कहा कि पैसे की बारिश हुई थी, जिसका मुकाबला विपक्ष नहीं कर सका.