महाराष्ट्र विधानसभा में ध्वनि प्रदूषण और धार्मिक जगहों पर लाउडस्पीकर के उपयोग के मुद्दे पर चर्चा हुई. बीजेपी विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सूबे में धार्मिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ता है.
इस सवाल का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और अब तक 3367 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं. उन्होंने विशेष रूप से बताया कि मुंबई में अब एक भी धार्मिक स्थल पर गैर-कानूनी लाउडस्पीकर नहीं है. मुंबई में 1600 से भी ज्यादा धार्मिक स्थल पर भोंगा (लाउडस्पीकर) हटाया गया है.
'विशेष परिस्थितियों में...'
सीएम फडणवीस ने यह भी साफ किया कि अगर भविष्य में किसी धार्मिक स्थल पर फिर से लाउडस्पीकर लगाए जाते हैं, तो उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशन के संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इस संबंध में राज्य सरकार ने साफ तौर से मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी तैयार की है.
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाना प्रतिबंधित है. पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाने की अनुमति है, लेकिन लाउडस्पीकर का उपयोग वर्जित है. विशेष परिस्थितियों में कुछ दिनों के लिए 12 बजे रात तक छूट दी गई थी, लेकिन यह स्थाई नहीं है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार सभी धर्मों का सम्मान करते हुए यह तय कर रही है कि नागरिकों को ध्वनि प्रदूषण से राहत मिले और कानून का पालन सभी के लिए समान रूप से हो.