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'महाराष्ट्र निकाय चुनाव में कांग्रेस अकेले लड़ेगी तो आश्चर्य नहीं होगा', बोले पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण

महाराष्ट्र के पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण ने एक इंटरव्यू में कहा, "हमने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन किया था, हमने स्थानीय निकाय चुनाव अलग-अलग लड़े थे."

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महाराष्ट्र के पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र के पूर्व CM पृथ्वीराज चव्हाण (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा है कि अगर कांग्रेस मुंबई और राज्य भर में इस साल होने जा रहे नगर निकाय चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा. एजेंसी के दिए एक इंटरव्यू में पूर्व सीएम ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी में बात न करने पर लोगों पर हमला करने की कुछ घटनाओं के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर देवेंद्र फडणवीस सरकार पर भी निशाना साधा.

एक सवाल के जवाब में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "कांग्रेस पार्टी का रुख़ यह है कि हमारा गठबंधन हमारे INDIA ब्लॉक के सहयोगियों यानी शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SP) के साथ है. अगर वे किसी और समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ उप-गठबंधन करना चाहते हैं, तो यह उनका मामला है. लेकिन अगर वे ऐसे लोगों के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, जो कांग्रेस की विचारधारा, धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा और अंबेडकर द्वारा संविधान में लिखी गई विचारधारा की विरोधी हैं, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे."

'हमने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए...'

चव्हाण ने कहा कि हाल ही में दिल्ली में मुंबई और अन्य जगहों पर स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस की एक मीटिंग में, मैं एक समिति के समक्ष अपने विचार रखे, जो इस बात पर फैसला करेगी कि वे इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के साथ गठबंधन करेंगे या अलग से चुनाव लड़ेंगे.

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उन्होंने कहा, "हालांकि हमने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन किया था, हमने स्थानीय निकाय चुनाव अलग-अलग लड़े थे और मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस पार्टी की समिति मुंबई, पुणे और नागपुर के चुनाव अलग-अलग लड़ने का फैसला करे."

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भाषा विवाद पर क्या बोले पृथ्वीराज चव्हाण?

मंगलवार को राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और अन्य समूहों के कार्यकर्ताओं ने मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए मुंबई के पास ठाणे के मीरा भयंदर इलाके में एक विरोध मार्च निकाला. मराठी में बात करने से इनकार करने पर एक दुकानदार पर हुए हमले के बाद सूबे में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है.

इस विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर, पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया, "एक बात बिल्कुल साफ है, यह केंद्र सरकार की पॉलिसी है, जिस पर आरएसएस ज़ोर देता है, वे एक राष्ट्र-एक भाषा, एक राष्ट्र-एक धर्म, एक राष्ट्र-एक चुनाव की हिमायत करते हैं. यह मानसिकता हिटलर की जर्मनी से आई है."

उन्होंने कहा कि अब, महाराष्ट्र के लोग केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ इसलिए खड़े हुए क्योंकि क्लास 1 से (स्कूलों में) हिंदी भाषा को थोपने की कोशिश हो रही है. 

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'हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं...'

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, हम क्लास 1 से इसे थोपने के खिलाफ हैं. आपने क्लास 5 और 6 के बाद भी इसे लागू किया है. शुरुआत में, आप 6 साल के बच्चे पर तीन अलग-अलग भाषाओं का बोझ नहीं डाल सकते. स्कूलों में पर्याप्त टीचर नहीं हैं, पर्याप्त किताबें नहीं हैं, और इससे अंग्रेजी या मातृभाषा पर पकड़ कमजोर होगी. इसलिए महाराष्ट्र की पूरी जनता ने एक आवाज में हिंदी थोपे जाने का विरोध किया."

चौहाण ने कहा कि आखिरकार मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को यह अहसास हुआ कि केंद्र सरकार चाहे जो भी चाहे, महाराष्ट्र में कक्षा एक से हिंदी लागू करना आसान नहीं होगा, इसलिए उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए और पॉलिसी को रद्द कर दिया गया.

पृथ्वीराज चौहाण ने हाल ही में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे द्वारा आयोजित एक संयुक्त रैली का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, "अगर शिवसेना के दोनों भाई बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनाव लड़ने के लिए साथ आते हैं, तो यह स्वागत योग्य है."

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