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9 से बढ़कर 12 घंटे काम... मजदूरों की कमाई और सुरक्षा पर बहस, महाराष्ट्र का नया श्रम कानून विवादों में

महाराष्ट्र सरकार ने फैक्ट्रियों अधिनियम, 1948 में बड़े संशोधन को मंजूरी दी है, जिसमें कामकाजी घंटे 9 से बढ़ाकर 12 किए गए हैं और ओवरटाइम सीमा 115 से 144 घंटे कर दी गई है. लेकिन इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कर्मचारी नेता इसका विरोध कर रहे हैं और इसे शोषणपूर्ण बताया है.

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महाराष्ट्र में मजदूरों की कमाई और सुरक्षा पर बहस हुई तेज (Photo: Representational by Pexels)
महाराष्ट्र में मजदूरों की कमाई और सुरक्षा पर बहस हुई तेज (Photo: Representational by Pexels)

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार की कैबिनेट ने महाराष्ट्र फैक्ट्रियों अधिनियम, 1948 में बड़े बदलाव को बुधवार को मंजूरी दी है. इसके तहत कामकाजी घंटो को बढ़ा दिया गया. ओवरटाइम की सीमा बढ़ाई गई, रात में महिला कर्मचारियों के काम करने की अनुमति दी गई है. साथ ही सुरक्षा नियमों में कड़ाई की गई. 

सरकार का कहना है कि दैनिक कामकाजी घंटे को 9 से 12 घंटा इसलिए किया गया है ताकि कर्मचारियों को अधिक लाभ पहुंचे और औद्योगिक लचीलापन बढ़ाया जाए. श्रम मंत्री अभि‍षेक फुंकर ने कहा कि ये बदलाव पारदर्शिता बढ़ाएं और श्रमिकों को बेहतर मुआवजा मिलेगा. 

क्या-क्या संशोधन किए गए?

धारा 54: दैनिक कामकाजी घंटे 12 तक बढ़ाए गए. 

धारा 55: 5 और 6 घंटे काम करने के बाद 30 मिनट का विश्राम अनिवार्य.

धारा 56: साप्ताहिक कार्य सीमा 48 घंटे से बढ़ाकर 60 घंटे की गई.

धारा 65: ओवरटाइम की सीमा 115 से बढ़ाकर 144 घंटे की गई, जिससे अधिक कमाई की संभावना. लेकिन ओवरटाइम करने के लिए कर्मचारी की सहमति जरूरी है. 

हालांकि, इन बदलावों का पालन करने के लिए किसी भी उद्योग को सरकारी मंजूरी लेना जरूरी होगा. साथ ही साप्ताहिक 48 घंटे की मूल सीमा अब भी बरकरार है. 

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सरकार का क्या है पक्ष?

आई. कुंदन, राज्य श्रम सचिव ने बताया कि इस संशोधन को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी और विधानमंडल से पारित होने का इंतज़ार है. नए नियम फैक्ट्रियों, दुकानों और निजी क्षेत्रों जैसे आईटी और होटलों पर लागू होंगे. 

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: कर्जत की 'हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप' जांच के घेरे में, भाजपा ने बताई गजवा-ए-हिंद की कोशिश

विरोध और आलोचना

कर्मचारी नेता अजीत अभ्यंकर (CPI) ने इन संशोधनों को कर्मचारियों के ख़िलाफ़ बताया है. उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों का शोषण होगा और 12 घंटे की शिफ्ट नियम तीन दिन के ओवरटाइम वेतन को समाप्त कर देगा, जिससे आमदानी में कमी आएगी. 

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि नियोक्ता इसका फायदा उठाएंगे और ज्यादा काम या रात्री शिफ्ट लागू कर सकते हैं, जिससे कर्मचारियों को नुकसान हो सकता है. 

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