बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'अलीबाग से आया है क्या' मुहावरे को बैन करने से इनकार कर दिया है. इस मुहावरे पर रोक से संबंधित एक याचिका को कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. बॉम्बे कोर्ट ने कहा कि इस मुहावरे में कुछ भी अपमानजनक नहीं है. इससे पहले भी हर समुदाय पर चुटकुले हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसी बातों से अपमानित नहीं होना चाहिए.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग ने कहा, 'इसमें इतना अपमानजनक क्या है, हर समुदाय पर चुटकुले हैं. संता-बंता पर भी चुटकुले सुनाए जाते हैं. मद्रासी चुटकुले सुनाए जाते हैं, मजाक उड़ाते हैं. ऐसी बातों से अपमानित न हों और मजा उठाएं.'
गौरतलब है कि मार्च 2019 में महाराष्ट्र में अलीबाग के एक निवासी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अपमानजनक मुहावरे 'अलीबाग से आया है क्या' पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. याचिका के मुताबिक महाराष्ट्र में किसी को 'मूर्ख' कहने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है. यह याचिका अलीबाग के सतीरजे गांव के राजेंद्र ठाकुर ने दायर की थी.
राजेंद्र ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा था कि अलीबाग को प्राकृतिक सुंदरता के साथ प्रकृति ने नवाजा है. इतिहास, संस्कृति, उद्योग, पर्यटन, चिकित्सा सुविधाओं, प्रकृति और शिक्षा से भरपूर ऐसी समृद्ध पृष्ठभूमि होने के बावजूद, अलीबाग के लोगों को 'अनपढ़' कहकर उपहास करना बेहद आपत्तिजनक है. ऐसा वही करते हैं जिनके पास कॉमन सेंस का अभाव है.
ठाकुर ने कोर्ट से आग्रह किया था कि राज्य अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे इस कहावत का उपयोग करने से बचें. उन्होंने कोर्ट से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया था कि फिल्में, टीवी धारावाहिक आदि, जिसमें इस कहावत को इस्तेमाल किया गया है, उन्हें सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट न दे.