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कोडरमाः राजद की अन्नपूर्णा अब भाजपा में हैं, कौन देगा भाजपा को चुनौती?

प्राचीन भारत में यहां के ध्वजाधारी पर्वत पर महान तपस्वी कदरम ऋषि निवास करते थे. इन्हीं के नाम पर जिले का नाम कोडरमा पड़ा रहा. यह उत्तर में बिहार के नवादा और पश्चिम में गया जिले से जुड़ा हुआ है. कोडरमा के इतिहास में जरासंध से लेकर समुद्रगुप्त तक का जिक्र आता है.

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रेडियो पर झुमरीतिलैया से गाने की फरमाइशें होती थी. झुमरीतिलैया कोडरमा में ही है.
रेडियो पर झुमरीतिलैया से गाने की फरमाइशें होती थी. झुमरीतिलैया कोडरमा में ही है.

  • तपस्वी कदरम ऋषि के नाम पर पड़ा है कोडरमा नाम
  • गानों की फरमाइश के लिए विख्यात झुमरीतिलैया यही हैं
झारखंड की राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर स्थित है कोडरमा. यह 1655.61 वर्ग किमी में फैला हुआ है. यह जिला अभ्रक नगरी के नाम से भी जाना जाता है. अपने अभ्रक के खदानों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां से दुनिया के कई देशों में अभ्रक निर्यात किया जाता है. कोडरमा 1973 में हजारीबाग जिले का अनुमंडल था. 10 अप्रैल 1994 में इसे पूर्ण जिले का दर्जा मिला. रेडियो पर सबसे ज्यादा गाने की फरमाइश करने वाला स्थान झुमरीतिलैया को़डरमा में ही है.

मान्यता है कि प्राचीन भारत में यहां के ध्वजाधारी पर्वत पर महान तपस्वी कदरम ऋषि निवास करते थे. इन्हीं के नाम पर जिले का नाम कोडरमा पड़ा रहा. यह उत्तर में बिहार के नवादा और पश्चिम में गया जिले से जुड़ा हुआ है. पूर्व में झारखंड का गिरिडीह और दक्षिण में हजारीबाग जिला है. वर्षो पहले कोडरमा क्षेत्र बहुत ही घने जंगलों तथा पहाड़-पठार से घिरा था. इस दौरान यहां कई गैर-आर्य आए लेकिन आदिवासियों ने उनसे डट कर सामना किया और उन्हें भगा दिया.

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कोडरमा की राजनीतिः आम चुनाव 2019 में आया था भूचाल

कोडरमा की राजनीति में आम चुनाव के समय उस समय भूचाल आ गया था, जब राजद की प्रदेश प्रमुख अन्नपूर्णा देवी ने राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं. कोडरमा राजद का गढ़ रहा हुआ है. 2005 और 2009 में अन्नपूर्णा देवी लगातार यहां से विधायक रही थीं. लेकिन 2014 में भाजपा ने नीरा यादव को मैदान में उतार दिया. नीरा यादव जीत गईं. बाद में राज्य की शिक्षा मंत्री भी बनीं. इस बार देखना ये है कि अन्नपूर्णा देवी भाजपा में हैं. नीरा यादव जैसी कद्दावर नेता भी इसी सीट से हैं. ऐसे में विपक्षी महागठबंधन क्या करेगा, इसका पूर्वानुमान लगा पाना बेहद मुश्किल है.

कोडरमाः जरासंध से लेकर समुद्रगुप्त तक का इतिहास का जिक्र

ये भी कहा जाता है कि महाभारत काल के राजगृह के शक्तिशाली सम्राट जरासंध का जिक्र मिलता है. यह भी कहा जाता है कि मगध के राजा महापद्मानंद और राजा अशोक ने भी इस इलाके समेत ओडिशा और झारखंड तक फैला था. जब कलिंग का पतन हुआ, उसके बाद ही समुद्रगुप्त झारखंड के इस इलाके में पहुंचे थे. चीनी यात्री इचिंग अपनी नालंदा और गया यात्रा के दौरान कोडरमा में भी आया था. कोडरमा में घोरसिमा में पुरातात्विक अवशेष पाए जाते हैं.

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7.16 लाख की आबादी, 66.84 फीसदी साक्षरता दर

जिले की आबादी 716,259 है. इसमें से 367,222 पुरुष और 349,037 महिलाएं हैं. जिले की 19.7 फीसदी आबादी शहरी और 80.3 फीसदी ग्रामीण इलाकों में रहती है. कुल साक्षरता दर 66.84 फीसदी है. शहरी इलाकों में शिक्षा का दर 79.1 और ग्रामीण इलाकों में 63.7 प्रतिशत है. अभी इस जिले में 6 प्रखंड हैं. ये हैं - कोडरमा सदर, जयनगर, मरकच्चो, सतगावां चंदवारा और डोमचांच.

कोडरमा की जातिगत गणित

  • अनुसूचित जातिः 109,003 (कुल आबादी का 15.2%)
  • अनुसूचित जनजातिः 6,903 (कुल आबादी का 1%)
जिले की धार्मिक जनसंख्या
  • हिंदूः 605,138
  • मुस्लिमः 107,018
  • ईसाईः 1,221
  • सिखः 944
  • बौद्धः 32
  • जैनः 980
  • अन्य धर्मः 269
  • धर्म नहीं बतायाः 657
कोडरमा में कामगारों की स्थिति

कोडरमा जिले में कुल 257,418 कामगार हैं. इनमें से 55.7 फीसदी कामगार ऐसे हैं जो या तो स्थाई रोजगार में हैं या साल में 6 महीने से ज्यादा कमाते हैं.

  • मुख्य कामगारः 143,324
  • किसानः 39,007
  • कृषि मजदूरः 24,197
  • घरेलू उद्योगः 3,912
  • अन्य कामगारः 76,208
  • सीमांत कामगारः 114,094
  • जो काम नहीं करतेः 458,841
कोडरमा के धार्मिक और पर्यटन स्थल

कोडरमा जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर है चंचला देवी शक्ति पीठ. यहां मां दुर्गा 400 फीट ऊंचे पहाड़ पर एक गुफा में हैं. वहीं, 70 किमी दूर स्थित है घोड़सिमर धाम. यह विशिष्ट पुरातात्विक सह धार्मिक स्थल है. यहां पर लगभग एक मीटर की गोलाईवाला चार फीट लंबा शिवलिंग है. तिलैया डैम बराकर नदी पर बनाया गया है. यह बांध 1200 मीटर लंबा और 99 फीट ऊंचा है. 36 वर्ग किमी की सुंदर झील से घिरा हुआ है.

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