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झारखंड HC ने रांची के DC पर लगाया जुर्माना, काम के तरीके पर भी जताई नाराजगी, जानें क्या है मामला

झारखंड हाईकोर्ट ने जुर्माना सहित 2 सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से रांची के डीसी छवि रंजन को जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.

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झारखंड हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. -फाइल फोटो.
झारखंड हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. -फाइल फोटो.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोर्ट ने समय दिया लेकिन डीसी ने नहीं दिया जवाब
  • दो सप्ताह में फाइन समेत शपथ पत्र पेश करने का आदेश

झारखंड हाई कोर्ट ने रांची के डीसी छवि रंजन पर जुर्माना लगाया है. साथ ही उनके काम करने के तरीके पर भी आपत्ति जताई है. दरअसल, अपोलो अस्पताल रास्ता विवाद मामले में कई बार रांची के DC को समय देने और लागतार शपथ पत्र दायर करने की ताकीद करने के बावजूद उनकी ओर से एफिडेविट नहीं देने से नाराज हाईकोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना लगाया है. 

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जानबूझकर इस मामले में शपथ पत्र नहीं दायर किया जा रहा है. बार-बार अदालत के आदेश के बावजूद भी इसे नजर अंदाज कर दिया जा रहा है. 

कोर्ट ने समय दिया लेकिन डीसी ने नहीं दिया जवाब

अदालत ने यह जानना चाहा कि जब 5 अप्रैल को डीसी को 4 सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया. उसके बाद 9 मई को फिर मौका दिया गया लेकिन जवाब दाखिल नहीं की गई. 8 जून को भी जवाब के लिए समय दिया गया फिर भी जवाब दाखिल नहीं किया गया. इससे नाराज अदालत ने गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए रांची डीसी की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और 50 हजार का अर्थदंड लगा दिया.

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दो सप्ताह में फाइन समेत शपथ पत्र पेश करने का आदेश

रांची डीसी को अंतिम मौका देते हुए 2 सप्ताह के अंदर अर्थदंड सहित शपथ पत्र अदालत में पेश करने को कहा है. शपथ पत्र दायर किए जाने के बाद मामले पर आगे की सुनवाई की जाएगी. बता दें कि अपोलो अस्पताल में रास्ता विवाद को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. पूर्व में अदालत में रांची डीसी को मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा था. लेकिन कई बार से इस मामले में सिर्फ समय लिया गया और शपथ पत्र दायर नहीं किया गया. इसपे  पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की. 

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