फरीदाबाद में अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में बनी एक लाइब्रेरी का उद्घाटन एक ही दिन में दो बार हुआ और दोनों बार रिबन अलग-अलग मंत्रियों ने कटा. यही नहीं, दोनों उद्घाटनों के बीच महज़ ढाई घंटे का अंतर था. इस घटना ने न केवल स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर दिए कि क्या पार्टी के भीतर तालमेल की कमी अब सार्वजनिक मंचों पर भी दिखने लगी है.
कैसे शुरू हुआ पूरा घटनाक्रम
रविवार की सुबह भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर फरीदाबाद पहुंचे. उनके साथ हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल और खाद्य मंत्री राजेश नागर भी थे. सबसे पहले तीनों नेता सेक्टर-16 स्थित मंत्री विपुल गोयल के कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ का अंतिम एपिसोड सुना. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद करीब साढ़े 12 बजे सांसद सुरेंद्र नागर, मंत्री विपुल गोयल और मंत्री राजेश नागर सेक्टर-12 के टाउन पार्क पहुंचे. यहां HSIIDC द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में निर्मित लाइब्रेरी तैयार की गई थी. मंच सजा था, रिबन लगा हुआ था और बोर्ड पर कई नेताओं के नाम अंकित थे. तीनों नेताओं ने मौके पर रिबन काटकर लाइब्रेरी का उद्घाटन कर दिया. फोटो खिंचवाए गए, कार्यकर्ताओं ने तालियां बजाईं और कार्यक्रम औपचारिक रूप से संपन्न मान लिया गया.
दो घंटे बाद बदला पूरा माहौल
हालांकि कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. लाइब्रेरी के उद्घाटन के करीब ढाई घंटे बाद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने समर्थकों और विधायकों के साथ टाउन पार्क पहुंचे. उनके साथ बड़खल विधायक धनेश अदलखा, एनआईटी विधायक सतीश फागना, होडल विधायक सतीश फागना, फरीदाबाद के मेयर प्रवीण बत्रा, भाजपा जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे. कृष्णपाल गुर्जर के पहुंचने से पहले ही लाइब्रेरी परिसर में दोबारा तैयारियां की गईं. नया रिबन लगाया गया, साफ-सफाई कराई गई और माहौल ऐसा बना दिया गया मानो उद्घाटन अभी होना बाकी हो. इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने उसी लाइब्रेरी का दोबारा रिबन काटकर शुभारंभ कर दिया. उनके नाम के उद्घाटन बोर्ड के सामने विधायकों के साथ तस्वीरें खिंचवाई गईं. यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए.
उद्घाटन बोर्ड बना विवाद की जड़
इस पूरे घटनाक्रम में उद्घाटन बोर्ड भी चर्चा का केंद्र बन गया. दरअसल, लाइब्रेरी के उद्घाटन के लिए लगाए गए बोर्ड में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का नाम अंकित था. वहीं नीचे कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, खाद्य मंत्री राजेश नागर, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर और मंत्री राव नरबीर के नाम भी दर्ज थे. पहले उद्घाटन के दौरान मंत्री विपुल गोयल ने सांसद सुरेंद्र नागर के साथ मिलकर बोर्ड पर लगे कपड़े को हटाया और उसी बोर्ड के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाए. इसके बाद रिबन काटा गया.
विपुल गोयल बोले- जो था, हो गया
जब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे तूल न देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं है. जो उद्घाटन होना था, वह हो गया. कौन क्या कर रहा है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. विपुल गोयल ने यह भी कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार सभी नेताओं के नाम बोर्ड पर थे और कहीं किसी तरह की खींचतान नहीं थी. सभी लोग मौके पर मौजूद थे और कार्यक्रम सामान्य तरीके से संपन्न हुआ.
कृष्णपाल गुर्जर बोले- सरकारी सूचना पर आया
दूसरी ओर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने स्पष्ट किया कि वे विभागीय सूचना के आधार पर तय समय पर कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी दी गई थी कि लाइब्रेरी का उद्घाटन उनके कर-कमलों से होना है. कृष्णपाल गुर्जर के मुताबिक, विभाग द्वारा लगाए गए उद्घाटन पत्थर पर भी उनका नाम दर्ज है. ऐसे में वे तय समय पर पहुंचे और अपनी जिम्मेदारी निभाई. उनसे पहले क्या हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है और इसके लिए संबंधित लोगों से ही सवाल किया जाना चाहिए.