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स्कूलों की छुट्टी, कंस्ट्रक्शन के काम पर बैन... दिल्ली में प्रदूषण की इमरजेंसी के बीच देखिए क्या-क्या बंद

जहरीले स्मॉग के कहर से दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाके बेहाल हैं. जहरीले धुंध के कोहराम ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. सड़कों पर टैंकरों के जरिये पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल नीचे बैठे और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार आ सके लेकिन ये इंतजाम कारगर साबित नहीं हो रहे हैं.

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Delhi-NCR Air Pollution (File Photo-PTI)
Delhi-NCR Air Pollution (File Photo-PTI)

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर और हवा में घुले जहर ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. जहरीली हवा की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें हो रही हैं. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद समेत एनसीआर के सभी इलाकों में आज (सोमवार), 6 नवंबर को भी प्रदूषण का स्तर गंभीर है. दिल्ली-NCR में सबसे चिंताजनक हालात अभी नोएडा के हैं, जहां सुबह 8.30 बजे के करीब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 616 दर्ज किया गया है.

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब तक किए गए सभी प्रयास विफल साबित हुए हैं. बढ़ते प्रदूषण के बीच कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP का चौथा चरण लागू कर दिया है. जिसके तहत दिल्ली में निर्माण कार्य यानी कंस्ट्रक्शन के काम पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. कचरा जलाने पर नजर रखी जा रही है. प्रदूषण की वजह से दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे जबकि क्लास 6 से 12 तक के स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चलेंगी. 

प्रदूषण के कहर से सांसों में घुल रहा जहर! दिल्ली-NCR की हवा में सांस लेना दूभर

GRAP के चौथे चरण के तहत नई पाबंदियों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में वही गाड़ियां एंट्री कर सकेंगी जो इलेक्ट्रिक, CNG, BS-6 डीजल की होंगी. अब अगले आदेश तक डीजल से चलने वाले केवल उन ट्रकों को ही दिल्ली में एंट्री मिलेगी, जो दूध, अनाज, फल, सब्जियां, खाने का सामान, दवाइयां, पेट्रोलियम पदार्थ, एलपीजी सिलेंडर जैसी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें ला रहे होंगे. हाइवे, सड़कें, फ्लाईओवर, पाइपलाइन आदि के निर्माण पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. 

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कैसी है आपके शहर की एयर क्वॉलिटी, यहां कीजिए चेक 

ग्रैप के चौथे चरण के तहत राज्य सरकार इमरजेंसी से जुड़े कदम पर फैसले ले सकती हैं. जिसमें ऑड-ईवन लागू करना, दफ्तरों को 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ चलाने का फैसला शामिल है. स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान और गैर-जरूरी कमर्शियल एक्टिविटी को बंद या चालू रखने पर राज्य सरकार फैसला ले सकती है. हालांकि, केंद्र के कर्मचारियों का फैसला केंद्र सरकार करेगी. 

बता दें कि CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है.

  • स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
  • स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
  • स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
  • स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दशहरे से पहले ही 21 अक्टूबर से डेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP-2 लागू कर दिया था. दरअसल, हवा की रफ्तार कम होने से धुएं और धूल के कण नहीं हट पा रहे हैं. जिससे प्रदूषण की स्थिति भयावह है.

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का क्या है हाल, देखें खास कवरेज 

ताजा अपडेट के मुताबिक, अभी नोएडा की हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्थिति (616 AQI) में पहुंच गई है. नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद में भी ऐसे ही हालात हैं. ग्रेटर नोएडा में आसमान में धुंध की चादर के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 8 बजे 499 रहा. दिल्ली का औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार बना हुआ है. 

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बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है. 

मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, हवा की रफ्तार धीमी है. साथ ही बारिश के भी आसार नहीं हैं. ऐसे में आने वाले कुछ और दिन दिल्ली में हवा जहरीली ही रहेगी. 7 नवंबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ हिमालय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बारिश की कोई संभावना नहीं है. 

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