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दिल्ली ब्लास्ट में सामने आया डॉक्टर मॉड्यूल! जानें- ‘व्हाइट कॉलर टेरर' के पीछे 6 किरदार कौन

लाल किले के पास सोमवार को यह धमाका तब हुआ जब कुछ घंटे पहले ही तीन डॉक्टरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने 2900 किलो विस्फोटक भी जब्त किया गया था. जांच में इस ब्लास्ट के कई किरदार अब तक बेनकाब हो चुके हैं.

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डॉ उमर, डॉ आदिल राठर, डॉ मुजम्मिल और डॉ शाहीन के तार दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ रहे हैं. (File Photo- ITG)
डॉ उमर, डॉ आदिल राठर, डॉ मुजम्मिल और डॉ शाहीन के तार दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ रहे हैं. (File Photo- ITG)

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है. सोमवार शाम को यह धमाका तब हुआ जब कुछ घंटे पहले ही तीन डॉक्टरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 2,900 किलो विस्फोटक जब्त किया गया था. इसके साथ ही जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का भी खुलासा हुआ, जो कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था.

इस ब्लास्ट के कई किरदार बेनकाब हो चुके हैं. पुलिस ने अब तक 6 ऐसे डॉक्टरों को पकड़ा है जिनके तार आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं. पहला और सबसे बड़ा नाम डॉक्टर मोहम्मद उमर का है, जो पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला था और फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था. इसे ही पूरी साजिश का किंगपिन माना जा रहा है. ये पेशे से डॉक्टर था लेकिन शक है कि ये जैश के लिए काम कर रहा था.

धमाके के समय कार में ही सवार था डॉक्टर उमर?

जसे i20 कार में धमाका हुआ, उसमें उमर सवार था और धमाके से थोड़ी देर पहले तक भी वो उस कार में नजर आया. पिछले दो साल से वो फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में डॉक्टर का काम कर रहा था. दो महीने पहले वो कश्मीर आया था. परिवार का कहना है कि उसे इसकी भनक नहीं थी कि वो इन गतिविधियों में शामिल था. लेकिन वो उस फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का हिस्सा था जिसके कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके थे, जबकि उमर फरार था.

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ये कहा जा रहा है कि साथियों की गिरफ्तारी के बाद घबराहट में उसने धमाका किया. कार उसके नाम पर थी, जो तारिक से खरीदी गई थी. अब DNA टेस्ट से पुष्टि होगी कि कार में वही था और उसने ये सुसाइड हमला किया है. उसकी मां शमीमा बानो, भाई आशिक और जहूर पुलिस हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है.

डॉ आदिल राठर दूसरा अहम किरदार

दूसरा और बेहद अहम किरदार है डॉ आदिल राठर. ये कश्मीर के काजीगुंड, कुलगाम का रहने वाला है. इसने GMC श्रीनगर से MBBS किया और अनंतनाग GMC में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर था. फरीदाबाद मॉड्यूल और दिल्ली धमाके की कहानी अक्टूबर महीने से शुरू होती है जब श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने की जांच शुरू हुई.

जांच कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस सहारनपुर पहुंची, जहां डॉ अदील अक्टूबर 2024 के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में काम कर रहा था. उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में उसके लॉकर से AK-47 बरामद हुई. उससे ही मॉड्यूल के मास्टरमाइंड उमर और मुजम्मिल की जानकारी मिली. डॉ अदील टेलीग्राम पर रैडिकलाइजेशन और फंडिंग में शामिल था. अदील फिलहाल जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में है.

डॉ मुजम्मिल के घर से मिला 2900 किलो विस्फोटक

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साजिश का तीसरा किरदार है डॉक्टर मुजम्मिल और ये भी डॉक्टर उमर की तरह ही पुलवामा का रहने वाला है. मुजम्मिल जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में है. 35 वर्षीय का ये MBBS डॉक्टर फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहा था. उसने फरीदाबाद के धौज और फतेहपुर टगा गांव में दो किराए के मकान लिए थे. वहीं से 2900 किलो विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए हैं.

व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम का मास्टरमाइंड मुजम्मिल

मुजम्मिल को 30 अक्टूबर 2025 को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के मामले में वांटेड घोषित किया. 9 नवंबर 2025 को फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की जॉइंट टीम ने उसे गिरफ्तार किया. वो व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम का मास्टरमाइंड था, जिसमें पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स रैडिकलाइज होकर पाकिस्तानी हैंडलर्स से जुड़े थे. फरीदाबाद मॉड्यूल जैश और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा था. फंडिंग पाकिस्तान से टेलीग्राम चैनल्स और क्रिप्टो के जरिए आती थी.

लखनऊ की डॉ शाहीन से श्रीनगर में पूछताछ जारी

डॉक्टरों के इस आतंकी नेटवर्क की चौथी किरदार है डॉक्टर शाहीन जो लखनऊ के लाल बाग की रहने वाली है और अल-फलाह हॉस्पिटल में काम कर रही थी. 9 नवंबर को फरीदाबाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस और अन्य एजेंसियों की जॉइंट टीम ने शाहीन को गिरफ्तार किया. उसे हवाई जहाज से श्रीनगर ले जाया गया, जहां पूछताछ जारी है. डॉ मुजम्मिल इसी की कार का इस्तेमाल करता था. हरियाणा रजिस्ट्रेशन की उसकी मारुति स्विफ्ट डिजायर कार से एक AK-47 और 3 मैगजीन बरामद किए गए थे. साथ ही लाइव राउंड के साथ एक पिस्तौल 2 खाली कारतूस और 2 अतिरिक्त मैगजीन भी बरामद की गई थी. मुजम्मिल की निशानदेही पर कार की तलाशी ली गई थी.

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ सज्जा को भी पकड़ा

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़े मामले में पुलवामा से सज्जाद अहमद माला नाम के एक डॉक्टर को हिरासत में लिया है. इस मामले में यह छठा एक्शन है. इससे पहले उत्तर प्रदेश से पांचवे डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ सज्जाद अहमद माला गिरफ्तार किए गए डॉ उमर के दोस्त हैं. नए सबूतों और लीड्स के आधार पर यह आगे की जांच का हिस्सा है और अभी और भी लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है.

डॉ परवेज अंसारी को यूपी एटीएस ने हिरासत में लिया

यूपी एटीएस ने डॉक्टर शाहीन अंसारी के भाई परवेज अंसारी को हिरासत में लिया है. उससे पूछताछ अभी जारी है. यह जानकारी गोपनीय रखी गई है कि परवेज को कहां से हिरासत में लिया गया. फरीदाबाद से डॉक्टर शाहीन पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है.

फरीदाबाद में बरामद हथियार जिस गाड़ी से मिले थे, वह गाड़ी लखनऊ निवासी परवेज अंसारी के नाम पर रजिस्टर्ड थी. इसी सुराग के आधार पर एटीएस की टीम लखनऊ पहुंची और पूछताछ की.

धमाके के बाद दोनों के बीच बातचीत का कॉल रिकॉर्ड सामने आया है, जिसे एटीएस ने अपने कब्जे में ले लिया है. एजेंसी इस कॉल की पूरी डिटेल खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके के बाद दोनों ने क्या बातचीत की थी. यूपी एटीएस अब परवेज़ अंसारी, उनकी बहन शाहीन और फरीदाबाद मॉड्यूल में पकड़े गए डॉक्टर आदिल के बीच संबंधों की गहराई से जांच कर रही है.

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