दिल्ली जल बोर्ड की सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और अनावश्यक देरी को खत्म करने के उद्देश्य से जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने एक नए मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर मॉड्यूल के डेवलपमेंट की घोषणा की है. यह अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म परियोजनाओं की दैनिक स्थिति, प्रगति, जिम्मेदार अधिकारियों और डेडलाइन की निगरानी करेगा. इससे किसी भी देरी की तुरंत पहचान हो सकेगी और आवश्यक होने पर जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी.
यह सॉफ्टवेयर एक संरचित कार्यप्रणाली पर आधारित होगा जिसमें हर परियोजना के लिए स्पष्ट चरण, समयसीमा और जिम्मेदार अधिकारी निर्धारित होंगे. इससे विभागों के बीच बेहतर समन्वय होगा और निर्णय प्रक्रिया तेज होगी. सभी अपडेट और डाटा एक केंद्रीकृत पोर्टल पर दर्ज किए जाएंगे, जिससे किसी भी परियोजना की स्थिति रियल टाइम में देखी जा सकेगी. यह मॉड्यूल केवल निगरानी का उपकरण नहीं होगा, बल्कि पारदर्शिता बढ़ाने, कागजी कार्यवाही में लगने वाला समय घटाने और डाटा आधारित निर्णय लेने में भी मदद करेगा. इससे विभागीय कार्यप्रणाली तेज होगी और हर परियोजना तय समय में पूरी हो सकेगी.
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इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में घरेलू पानी के बिल माफ करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने आजतक से इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, 'सरकार जल्द ही घरेलू पानी के बिलों पर देरी से भुगतान करने पर लगने वाले सरचार्ज को माफ करने जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को करीब 80 से 90 फीसदी राहत मिलेगी.' इस कदम से लाखों लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा गलत बिलिंग के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
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दिल्ली जल बोर्ड वर्तमान में लगभग 27 लाख ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। इनमें से लगभग 16 लाख उपभोक्ताओं को कथित तौर पर बढ़े हुए बिल मिले हैं, जिनमें से कई कोविड काल के हैं, जब दिल्ली जल बोर्ड उचित मीटर रीडिंग करने में विफल रहा. परिणामस्वरूप, शिकायतों में वृद्धि हुई. अकेले अक्टूबर और नवंबर 2022 में, सरकार को दोषपूर्ण पानी के बिलों से संबंधित लगभग 10,000 शिकायतें मिलीं. तत्कालीन आम आदमी पार्टी ने भी इस मुद्दे को हल करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट प्लान लाने का वादा किया था.