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दिल्ली: पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज के खिलाफ जांच शुरू, अस्पताल निर्माण में घोटाले का आरोप

इस जांच की मंजूरी दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने 6 मई 2025 को दी, जो वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष और तत्कालीन विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा 22 अगस्त 2024 को दी गई शिकायत की जांच के बाद हुई है. शिकायत में स्वास्थ्य विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार, पूर्व मंत्रियों की मिलीभगत और अस्पताल परियोजनाओं में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है.

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दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज

दिल्ली के उपराज्यपाल ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ व्यापक अस्पताल घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच GNCTD की भ्रष्टाचार निवारण शाखा (ACB) द्वारा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 की धारा 17A के तहत कराई जाएगी. जारी बयान के मुताबिक इस जांच की मंजूरी दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना ने 6 मई 2025 को दी, जो वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष और तत्कालीन विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा 22 अगस्त 2024 को दी गई शिकायत की जांच के बाद हुई है.

शिकायत में स्वास्थ्य विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार, पूर्व मंत्रियों की मिलीभगत और अस्पताल परियोजनाओं में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है. 2018-19 में 24 अस्पताल परियोजनाएं आर्थिक रूप से अप्रत्याशित तौर पर देरी और लागत में अत्यधिक वृद्धि के साथ अधूरी रह गईं. 5590 करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट्स में फंड का गबन होने की आशंका जताई गई है.

विशेष रूप से, 7 आईसीयू अस्पताल जिसकी कुल बेड क्षमता 6800 है, 1125 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीनों में बनाये जाने थे, लेकिन 3 वर्षों बाद भी सिर्फ 50% निर्माण पूरा हुआ है. LNJP अस्पताल के नए ब्लॉक की लागत भी 465.52 करोड़ रुपए से बढ़कर 1125 करोड़ रुपए हो गई है. वहीं 94 पॉलीक्लीनिक में से केवल 52 का निर्माण हुआ, पर लागत 168.52 करोड़ की जगह 220 करोड़ रुपए हो गई. स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (HIMS) को लागू करने में दस वर्षों की देरी भी संदिग्ध मानी जा रही है.

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ACB ने प्रारंभिक जांच में लागत में अनियमित वृद्धि, धन के गलत आवंटन और विभागीय लापरवाही के ठोस प्रमाण पाए हैं. इस आधार पर, विभाग ने उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश की है ताकि दोषियों का पता लगाया जा सके और सरकार के खजाने को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. यह जांच दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग की सहमति के बाद अब औपचारिक रूप से शुरू होगी. जांच के नतीजे गंभीर सुधारों और कड़े कदमों को जन्म दे सकते हैं, जो दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे.

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