दिल्ली सरकार ने आजतक के स्टिंग 'ऑपरेशन लक्ष्मण रेखा' के बाद फर्जी पीयूसी बनाने वाले केंद्रों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और परिवहन मंत्री डॉ पंकज सिंह ने यह सख्त कदम प्रदूषण के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया है.
विभाग ने करीब 800 केंद्रों की जांच के बाद 12 सेंटर्स को सस्पेंड कर दिया है. परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस को इस घोटाले की लिखित शिकायत सौंपी है.
दिल्ली की सड़कों पर अवैध रूप से चलने वाली पुरानी बसों को जब्त करने का अभियान भी शुरू किया गया है.
आजतक की खबर का बड़ा असर...
दिल्ली में पीयूसी सर्टिफिकेट के नाम पर चल रहे गोरखधंधे का पर्दाफाश होने के बाद प्रशासन पूरी तरह हरकत में आ गया है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने साफ कहा है कि जो भी आरोपी इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए जाएंगे, उन पर न केवल प्रशासनिक कार्रवाई होगी बल्कि पुलिस केस भी दर्ज होगा. सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को क्लीन चिट देने वाले सेंटर्स को बख्शा नहीं जाएगा. परिवहन मंत्री डॉ पंकज सिंह ने इस मामले में तत्काल कड़े निर्देश जारी किए हैं.
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अब तक 12 पीयूसी सेंटर्स सस्पेंड
कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने जानकारी दी है कि सरकार ने अब तक करीब 800 पीयूसी केंद्रों की सघन जांच की है. इस जांच के दौरान नियमों का घोर उल्लंघन करने वाले 12 सेंटर्स की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है. मंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार ईमानदार केंद्र संचालकों की संरक्षक है, लेकिन भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि रेगुलेटरी उपाय और सख्त प्रवर्तन आगे भी जारी रहेंगे ताकि दिल्ली की हवा के साथ कोई खिलवाड़ न हो.
पुरानी बसों और गाड़ियों पर भी कार्रवाई
फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ-साथ दिल्ली सरकार ने सड़कों पर चलने वाली अनफिट गाड़ियों पर भी ध्यान केंद्रित किया है. बीएस-6 मानकों से नीचे की जो भी बसें या वाहन अवैध रूप से चलते पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत सीज किया जाएगा. मंत्री सिरसा के मुताबिक, प्रदूषण कम करने के लिए नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है. आजतक की खबर का ही नतीजा है कि परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस से संपर्क कर दोषियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिससे आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.
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