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दिल्ली के शेल्टर होम के प्रवासी मजदूर कर रहे सरकारी स्कूलों का कायाकल्प

ऑटो ड्राइवर शिवनाथ का दिल्ली में मकान है, लेकिन पिछले 8 दिनों से वो श्रीनिवासपुरी के सरकारी गर्ल्स स्कूल का कायाकल्प करने में जुटे हुए हैं. इनकी गलती सिर्फ इतनी है कि इन्होंने गुड़गाव से लौट रहे दो बिहारी मजदूरों को अपने ऑटो में बैठा लिया था. इसके बाद पुलिस उनको पकड़कर शेल्टर होम ले आई थी. यहां अब वो साफ-सफाई का काम कर रहे हैं.

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स्कूल को संवारने में लगे मजदूर
स्कूल को संवारने में लगे मजदूर

  • श्रीनिवासपुरी के सरकारी स्कूल में सफाई से लेकर गार्डेनिंग तक कर रहे मजदूर
  • वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में बढ़कर योगदान कर रहे लोग

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने पूरे हिंदुस्तान को जकड़ लिया है. मोदी सरकार ने इसको फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कर रखा है. इसके साथ ही कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है, जबकि कोरोना के संदिग्धों को क्वारनटीन किया जा रहा है. इसके चलते लोगों को घर से दूर रहना पड़ रहा है.

ऐसा ही कुछ मामला पेशे से ऑटो ड्राइवर शिवनाथ का है. उनका दिल्ली में मकान है, लेकिन पिछले 8 दिनों से वो श्रीनिवासपुरी के सरकारी गर्ल्स स्कूल का कायाकल्प करने में जुटे हुए हैं. इनकी गलती सिर्फ इतनी है कि इन्होंने गुड़गाव से लौट रहे दो बिहारी मजदूरों को अपने ऑटो में बैठा लिया था. इसके बाद पुलिस उनको पकड़कर शेल्टर होम ले आई थी. यहां अब वो साफ-सफाई का काम कर रहे हैं.

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शिवनाथ के जैसे ही 70 लोग इस शेल्टर होम में रह रहे हैं. इनके शेल्टर होम पहुंचने की अलग-अलग वजहें भले हों, लेकिन अब सबका एक लक्ष्य कोरोना से जंग जीतने का है. प्रवासी मजदूर रहने और खाने की व्यवस्था करने के लिए दिल्ली पुलिस और सरकार का आभार जताया. साथ ही इन लोगों ने बदले में स्वेच्छा से नई दिल्ली स्थित राजकीय गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल श्रीनिवासपुरी का जीर्णोद्धार, साफ-सफाई और पेंटिंग के काम में जुट गए हैं. ये लोग यहां पर गार्डनिंग भी कर रहे हैं.

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दक्षिण पूर्व जिले के डीसीपी आर. पी. मीना ने बताया कि जब इन्होंने स्कूल का कायाकल्प करने की इच्छा जताई, तो अमर कॉलोनी थाना के एचएचओ अनंत गुंजन ने मनोवैज्ञानिक सुगंधा से इनकी मुलाकात करवाई. इसके बाद इनकी बातों को मान लिया गया. इससे पहले इनमें से कई लोग आश्रम और निजामुद्दीन इलाकों में स्थित पार्कों में बैठे रहते थे और नशा करते पकड़े जाते थे. हालांकि अब ये सभी लोग एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ जंग में बढ़कर योगदान दे रहे हैं.

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