दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में बड़ी कार्यवाही की है. इस मामले की जांच के तहत पुलिस ने गुजरात के राजकोट में करीब पांच लोगों से पूछताछ की है. पूछताछ के बाद पुलिस तहसीन सैयद नाम के एक व्यक्ति को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गई है. तहसीन सैयद पर आरोप है कि उसने राजेश भाई खिमजी को 2000 रुपये का ट्रांसफर किया था, जो जांच के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक माना जा रहा है. राजेश ही वही शख्स है जिसने जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री पर हमला किया था. पुलिस ने पांच लोगों से राजकोट में पूछताछ की है, इनमें हमलावर के परिवार के कुछ सदस्य और उसके साथी भी शामिल हैं.
यह मामला दिल्ली की पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. मुख्यमंत्री पर हमले की जांच में तेजी लाने के लिए दिल्ली पुलिस ने तुरंत कदम उठाते हुए राजकोट में संदिग्धों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया. अधिकारियों का कहना है कि तहसीन सैयद से खास जानकारी मिलने की उम्मीद है जो मामले की गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित हो सकती है.
तहसीन के खिलाफ इस वित्तीय लेन-देन को भी संदिग्ध माना जा रहा है, क्योंकि 2000 रुपये का ट्रांसफर सीधे तौर पर इस मामले से जुड़ा हुआ पाया गया है. पुलिस ने तहसीन का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है. दिल्ली पुलिस कुल पांच लोगों से पूछताछ कर रही है. बेहतर जानकारी के लिए हम गुजरात पुलिस की मदद भी ले रहे हैं. ये जानकारी एक अधिकारी ने दी है.
राजकोट पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि खिमजी 19 अगस्त को उज्जैन से दिल्ली आया था ताकि सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों पर हालिया आदेश के खिलाफ प्रदर्शन कर सके. उसकी मां भानुबेन ने भी बताया कि वह कुत्तों से बेहद लगाव रखता है और अदालत के आदेश से व्यथित था.
पुलिस रिकॉर्ड में खिमजी का पुराना आपराधिक इतिहास भी सामने आया है. 2017 से 2024 के बीच राजकोट के भक्तिनगर थाने में उसके खिलाफ पाँच एफआईआर दर्ज हुई थीं, जिनमें दो मारपीट और धमकाने से संबंधित थीं, जबकि तीन शराब की अवैध ढुलाई और कब्जे से जुड़ी थीं. बता दें कि फ़िलहाल खिमजी पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ जारी है.