छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के दंतेवाड़ा में स्थित ढोलकल पहाड़ी पर विराजित गणेश प्रतिमा को अज्ञात लोगों ने गहरी खाई में गिरा दिया. 2500 फीट ऊंची इस पहाड़ी से गिरने के कारण 11 वीं शताब्दी की इस प्रतिमा के 15 टुकड़े हो गए.
पर्यटक शनिवार को जब दर्शन के लिए पहाड़ी पर पहुंचे, तो वहां से मूर्ति गायब दिखी. उन्होंने फिर प्रशासन को इसकी सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम प्रतिमा के टुकड़ों को इकठ्ठा कर वापस पहाड़ी में ले गई, जिसमें उसे करीब चार घंटे लग गए. इसके बाद पूजा हुई फिर दोबारा प्रतिमा को उतारकर 8 किलोमीटर दूर फरसपाल में रखा गया.
इस पहाड़ी के करीब ही बसे गांव जामगुड़ा के लोगों ने बताया कि 25 जनवरी को शाम 5 बजे आखिरी बार उन्होंने प्रतिमा देखी थी. अफसरों के मुताबिक, प्रतिमा को केमिकल के जरिये जोड़कर दोबारा शिखर पर स्थापित किया जाएगा.
इस घटना के बाद एसपी-कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी तत्काल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे. उनके साथ मौजूद सुरक्षाबलों के जवान और ग्रमीणों ने मिलकर प्रतिमा को खोजा. खोजी दस्ते को शिखर से करीब 50 फीट नीचे प्रतिमा के टुकड़े मिले, जिसे एकत्र कर ऊपर पहुंचाया गया.
पुलिस को इसके घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ होने का शक है. कलेक्टर सौरभ कुमार और एसपी कमलोचन कश्यप ने कहा कि यह नक्सलियों की करतूत हो सकती है, क्योंकि पर्यटन और पुरातत्व विभाग ने इस क्षेत्र को विकसित करने 2 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने अंदेशा जताया कि इस इलाके में पर्यटन के चलते बाहरी लोगों की दखल न बढ़े, इसलिए नक्सलियों ने प्रतिमा को खंडित करने नीचे फेंक दिया होगा है.