USFDA Warning Cookware: खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले बर्तन सिर्फ सजावट या सुविधा के लिए नहीं होते. ये सीधे हमारी हेल्थ और खाने की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं. कुछ बर्तनों से पोषक तत्व निकलते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन कुछ हानिकारक केमिकल्स भी मिल सकते हैं जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. बर्तनों पर हुईं कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि बर्तन बनाने मे इस्तेमाल होने वाले मेटल में काफी ऐसे केमिकल इस्तेमाल होते हैं या उनसे निकलते हैं, जिससे हमारी सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
अमेरिकी फूड रेगुलेटर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि भारतीय कंपनी सरस्वती स्ट्रिप्स प्राइवेट लिमिटेड के कुछ कुकवेयर में खतरनाक स्तर तक सीसा (Lead) पाया गया है. ये बर्तन बाजार में ‘प्योर एल्युमिनियम यूटेंसिल्स’ या ‘टाइगर व्हाइट’ नाम से बेचे जा रहे हैं. यूएसएफडीए साफ किया कि इन बर्तनों में एल्युमिनियम, पीतल और उनके मिश्रण से खाना पकाने पर सीसा निकल सकता है, जिससे खाना जहर बन सकता है. सीसा एक टॉक्सिक हैवी मेटल है जो शरीर में जमा होकर लंबे समय तक नुकसान करता है.आइए जानते हैं सीसा से शरीर को क्या गंभीर नुकसान हो सकते हैं और इससे हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.
जब इन बर्तनों में हम खाना बनाते हैं तो खाने में मिल जाता है और खाने की जरिए ये धीरे-धीरे शरीर में जमा होने लगता है. खासतौर पर एसिडिक फूड्स में एल्यूमिनियम बर्तनों से रिसाव बढ़ सकता है. किचन में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों में सीसा जैसी हानिकारक धातु का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, समय रहते सावधानी अपनाकर आप एनीमिया, किडनी की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट जैसी गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं. यूएसएफडीए ने दुकानदारों को इन्हें बेचने से रोकने की भी हिदायत दी गई है और लोगों को इन बर्तनों का उपयोग न करने की चेतावनी दी गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएसएफडीए (USFDA) दोनों का कहना है कि सीसा का कोई सेफ लेवल नहीं है. इसका मतलब है कि शरीर में सीसा बहुत कम मात्रा भी लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकती है. बच्चों में बहुत कम मात्रा में भी दिमाग, सीखने की शक्ति और व्यवहार पर बुरा असर डालती है. बड़ों में अगर 5 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर से ज्यादा हो जाए तो खतरनाक माना जाता है.ऐसे में साफ है कि सीसा का सुरक्षित लेवल जीरो है, इसलिए सीसा का बॉडी से जितना कम से कम संपर्क होगा, उतना ही बेहतर है.