Guilt Eating Increases Weight: वजन घटाने और बढ़ाने के लिए लोग तरह-तरह की डाइट लेते हैं. हम अक्सर ये सुनते भी हैं कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. मगर शायद ही कभी किसी ने हमें ये बताया होगा कि कैसे खाना चाहिए. क्या और कितनी मात्रा में खाने से कई ज्यादा जरूरी है कि हम कैसे खा रहे हैं. खाने का असर सीधे हमारी बॉडी पर पड़ता है, ये बात तो सभी बोलते है और जानते हैं. लेकिन खाने के तरीके का भी असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है, ये बात बहुत कम ही लोग बताते हैं. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रोहिणी पाटिल ने इस बारे में खुलकर बात की और बताया कि अगर आप बहुत अधिक गिल्ट के साथ खाना खाते हैं तो वो आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
डॉ. रोहिणी पाटिल ने आगे कहा कि यहां तक कि खीरे जैसी हेल्दी चीज भी अगर आप गिल्ट के साथ खाते हैं तो वो आपकी बॉडी पर नेगेटिव असर डालती है. वहीं अगर आप पिज्जा और बर्गर जैसे जंक फूड को भी खुशी के साथ खाते हैं तो वो आपके शरीर के लिए कहीं ज्यादा लाभदायक साबित हो सकता है. उनका मानना है कि खाने का हर एक निवाला एक गिफ्ट है और जब आप इसे गिल्ट के साथ खाते हैं तो बॉडी इसको महसूस करती है. वहीं. जब खाने को आभार की तरह खाते तो इससे शरीर हील होता है. इसलिए हमेशा खाने से पहले थोड़ा रुकना चाहिए और थैंक्यू बोलें और फिर उसे खाएं.
दरअसल, जब भी हम स्ट्रेस या गिल्ट के साथ खाना खाते हैं तो हमारे शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है. ये हार्मोन बॉडी को फैट स्टोर करने के इशारा देता है और आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और वजन घटने की बजाय बढ़ने लगता है. इसे लेकर आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के एमपावर की साइकोलॉजिस्ट मुस्कान मारवाह ने कहा, जब लोग तेल वाला और फ्राईड खाना, मिठाई या ऐसा खाना खाते हैं, जिसे खाने से मना किया गया हो. तब उन्हें गिल्ट महसूस होता है जो मेंटल स्ट्रेस और अनहेल्दी फूड हैबिट्स को जन्म देती है और इससे मोटापा, डायबिटीज और हार्ट से जुड़ी दिक्कतें और अन्य कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है.
डॉ. मुस्कान मारवाह ने बताया कि खाने से जुड़ा गिल्ट एक ऐसे चक्र को जन्म देता है, जिसमें फंसकर इंसान अपनी सेहत को नुकसान पहुंचाता है. सबसे पहले, जब कोई व्यक्ति मना किया गया खाना खा लेता है तो उसे खुद ही गिल्ट होने लगता है. ये गिल्ट इतना गहरा होता है कि वो अगली बार खुद पर कं्ट्रो्ल करने लगता है और नॉर्मल से भी कम खाना शुरू कर देता है. मगर बॉडी और ब्रेन दोनों अपनी जरूरत पूरी न होने पर भूख और क्रेविंग को और ज्यादा बढ़ा देते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि इंसान खुद को रोक नहीं पाता है और दोबारा खाने लगता है. इससे ओवरईटिंग हो जाती है और ये चक्र दोहराया जाता है, जिससे सेहत पर असर होता है और उसके साथ मेंटल स्ट्रेस भी बढ़ जाता है.
एक्सपर्ट का मानना है कि खाने से गिल्ट हटाने और खाने का मजा लेने के लिए अपनी सोच बदलना सबसे अहम है और इसे आप कुछ तरीकों से कर सकते हैं जैसे-
खाना कभी भी हमारे शरीर का दुश्मन नहीं होता है, बल्कि जब आप इसे स्ट्रेस और गिल्ट फ्री होकर खाते हैं तो ये अच्छा रिलेशन बनाता है. लेकिन अगर आप इसे गिल्ट और स्ट्रेस के साथ खाते हैं तो इससे आपकी बॉडी को सिर्फ नुकसान देता है.