आजकल के मॉडर्न पेरेंट्स के लिए डायपर बच्चों की देखभाल का एक अहम हिस्सा बन चुका है. चाहे घर पर हों या बाहर, डायपर से बच्चे को आराम और पेरेंट्स को सुविधा मिलती है. छोटे बच्चे बार-बार पेशाब और पोटी कर देते हैं और इसलिए पेरेंट्स के लिए बार-बार बच्चों के कपड़े बदलना मुश्किल हो जाता है. इसलिए आजकल अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चों को डायपर पहनाते हैं. लेकिन इस सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि डायपर पहनाने से बच्चे की किडनी खराब हो सकती है. आइए जानते हैं इस पर चाइल्ड स्पेशलिस्ट का क्या कहना है.
वायरल वीडियो में एक शख्स जिसे डॉक्टर बताया जा रहा है वो महिला से बोलता है, 'बच्चे को डायपर बिल्कुल मत पहनाएं, इससे किडनी खराब हो जाती है.’ इस वीडियो को देखने के बाद कई पेरेंट्स डर गए हैं, ऐसे में पीडियाट्रिशन डॉ. इमरान पटेल ने इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो डायपर से किडनी खराब होने वाले दावे पर अपना रिएक्शन दे रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने डायपर से जुड़ी कुछ खास बातें भी बताई हैं जो हर माता-पिता का मालूम होनी चाहिए.
पीडियाट्रिशन डॉ. इमरान पटेल ने कहा, ‘मैंने एक सोशल मीडिया पर वीडियो देखा, जिसमें कहा गया था कि बच्चे को डायपर पहनाने से उसकी किडनी खराब हो जाती है. मैं इस मामले पर यही कहना चाहता हूं कि यह पूरी तरह से गलत है और इस तरह की जानकारी नहीं देनी चाहिए और लोगों को बिल्कुल नहीं डराना चाहिए. डायपर पहनाने से बच्चे की किडनी पर सीधा असर नहीं पड़ता. डायपर का काम केवल पेशाब को सोखना होता है. किडनी तो शरीर के अंदर होती है और उसका कार्य ब्लड को फिल्टर करना है, इसलिए डायपर से किडनी डैमेज होना सिर्फ एक मिथक है.
पीडियाट्रिशन के मुताबिक, अगर बच्चा लंबे समय तक गीला डायपर पहने रहता है, तो इससे स्किन इन्फेक्शन, रैशेज या यूटीआई का खतरा बढ़ सकता है. खासकर अगर डायपर समय पर नहीं बदला जाए, तो बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं. यही इंफेक्शन कभी-कभी पेशाब मार्ग तक पहुंच सकता है, जिससे यूटीआई होती है. लेकिन यह भी किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्या नहीं होती है.
हर 3 से 4 घंटे में डायपर बदलना जरूरी है.
अगर बच्चा पोटी करता है, तो तुरंत डायपर बदलें.
हर बार डायपर बदलने के बाद बेबी वाइप या गुनगुने पानी से साफ करें और फिर स्किन को सूखने दें.
रात में सोने से पहले एक फ्रेश डायपर जरूर पहनाएं.
दिन में कुछ घंटों के लिए बच्चे को डायपर-फ्री टाइम दें ताकि स्किन सांस ले सके.
अगर आपको सिंथेटिक डायपर से डर लगता है, तो बाजार में क्लॉथ डायपर या ऑर्गेनिक कॉटन डायपर भी मिलते हैं. ये रीयूजेबल होते हैं और बच्चे की स्किन के लिए भी सॉफ्ट रहते हैं.