काले रंग की वर्दी पहन कर परेड के दौरान इस्लामिक गीत गाते कुछ युवाओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. यूजर्स कह रहे हैं कि ये केरल पुलिस के युवा कैडेट हैं जो 'जय हिंद' की जगह 'जय हदीसम' के नारे लगा रहे हैं.
एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "केरल के हालात बेहद चिंताजनक केरल पुलिस कैडेट. जय हिंद की जगह जय हदीसम बोल रहे है. पुलिस धार्मिक नारे लगा रही है."

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
कई लोग वीडियो के साथ कही जा रही बात को सच मानते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टैग कर रहे हैं और उनसे इस मामले में कार्रवाई करने की अपील कर रहे हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो में परेड करते दिख रहे युवा अरंगडी परंबथ जुमा मस्जिद के अनुयायी हैं जो 6 सितंबर को ईद-ए-मिलाद रैली में हिस्सा ले रहे थे. इस वीडियो का केरल पुलिस से कोई लेना-देना नहीं है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के बारे में कीवर्ड सर्च करने पर ये हमें 8 सितंबर के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिला. हमने वीडियो शेयर करने वाले व्यक्ति अशरफ कुलांगरा से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ये वीडियो केरल के कासरगोड जिले की कन्हानगढ़ नगर पालिका के अरंगडी गांव का है.
अशरफ ने वायरल वीडियो का क्रेडिट 'ग्रीन साइबर फोर्स' नाम के फेसबुक पेज को दिया है. इस जानकारी के आधार पर मलयालम कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें एक फेसबुक पेज मिला. इस पेज पर हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते और भी कई वीडियो मिले. इनमें भी परेड में सबसे आगे वही तीन युवा दिख रहे हैं, जो वायरल मीडियो में नजर आ रहे हैं. यहां भी इन्हें ईद-ए-मिलाद की रैली से संबंधित ही बताया गया है.
इस रैली से संबंधित 'न्यूज 18 केरल' की 7 सितंबर की रिपोर्ट के कैप्शन में बताया गया है कि इस रैली का आयोजन 'अरंगडी जमात कमिटी' और 'मनिकोथ जमात कमिटी' नाम की संस्थाओं ने किया था.
हमने वीडियो के बारे में और जानकारी पाने के लिए 'अरंगडी मुस्लिम यूथ लीग' के सेक्रेट्री अजीम अरंगडी से संपर्क किया. अजीम ने हमें बताया कि ये वीडियो इस साल की ईद-ए-मिलाद रैली का है और इसमें परेड करते दिख रहे युवा 'अरंगडी परंबथ जुमा मस्जिद' के अनुयायी हैं. अजीम ने हमें इसी परेड का एक दूसरा वीडियो भी भेजा जिसे नीचे देखा जा सकता है.
हमने इस बारे में और जानकारी पाने के लिए केरल पुलिस के डिप्टी डायरेक्टर एंड पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर एस. आर. प्रवीण से बात की. उन्होंने हमें बताया कि इस वीडियो का केरल पुलिस से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने हमें स्टूडेंट पुलिस कैडेट, केरल के फेसबुक पेज का लिंक भी भेजा. इस पेज पर केरल पुलिस के कैडेट्स की तमाम तस्वीरें मौजूद हैं. इन तस्वीरों में कैडेट्स ने जो यूनिफॉर्म पहन रखी है, वो वायरल वीडियो वाले युवाओं की यूनिफॉर्म से एकदम अलग है.

साफ है, केरल की एक धार्मिक रैली के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है.