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फैक्ट चेक: राहुल गांधी की मीटिंग में पेड एक्टर का दावा है गलत, जानें कौन हैं ये दोनों शख्स

दावा है कि ये दोनों तस्वीरों में जिन लोगों को गोला बनाकर हाइलाइट किया गया है, वो एक ही शख्स है, जो पहले तो राहुल गांधी के साथ कुली बनकर बैठ गया और बाद में डीयू का छात्र बन गया.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
राहुल गांधी की दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों और रेलवे कुलियों के साथ हुई मुलाकातें महज दिखावा थीं क्योंकि उनकी एक मीटिंग में जो शख्स कुली बनकर आया था, वही बाद में डीयू का छात्र बन गया. 
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये दोनों अलग-अलग शख्स हैं. दोनों का एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है.  

सोशल मीडिया पर इस समय राहुल गांधी की दो फोटो काफी वायरल हो रही हैं जिनमें से एक में वो रेलवे कुलियों के साथ बैठे दिख रहे हैं. वहीं दूसरी में वो कथित तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के छात्रों के साथ बैठे हैं. इन दोनों तस्वीरों में मौजूद एक-एक शख्स को गोला बनाकर दिखाया जा रहा है.  

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दावा ये है कि ये दोनों तस्वीरों में जिन लोगों को गोला बनाकर हाइलाइट किया गया है, वो एक ही शख्स है, जो पहले तो राहुल गांधी के साथ कुली बनकर बैठ गया और बाद में डीयू का छात्र बन गया. वायरल पोस्ट में ये कहने की कोशिश की जा रही है कि राहुल गांधी की ये मुलाकातें महज दिखावा थीं जिनमें उन्हीं के लोग बार-बार वेष बदल कर बैठ जाते थे.   

इन तस्वीरों को शेयर करते हुए एक एक्स यूजर ने लिखा, “एक ही आदमी कुली बन रहा है और वही आदमी DU का स्टूडेंट. एक ही आदमी के साथ दिन -रात मिलकर सामाजिक न्याय कर रहे है राहुल गाँधी”.

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लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि दोनों अलग-अलग शख्स हैं. दोनों का एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है.  

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कौन है डीयू का ये छात्र? 

पहली फोटो 22 मई की है जब राहुल गांधी, डीयू के छात्र नेताओं से मिले थे. कुछ दिनों बाद राहुल गांधी ने इस मुलाकात का वीडियो भी शेयर किया था. वायरल फोटो इसी वीडियो से ली गई है. खबरों के मुताबिक, राहुल गांधी की ये मुलाकात डीयू के नॉर्थ कैंपस में हुई थी. इस मीटिंग में शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत हुई थी. मुलाकात में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता भी शामिल थे. 

 

 

जिस व्यक्ति पर फोटो में गोला बना है उनका नाम लोकेश चौधरी है. लोकेश एनएसयूआई नेता और डीयू स्टूडेंट यूनियन के जॉइंट सेक्रेटरी हैं. वायरल पोस्ट के बारे में हमने लोकेश से बात की. उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा दावा फर्जी है और वो दूसरी फोटो में दिख रहे कुली नहीं हैं.

आगे उन्होंने कहा कि ये भ्रामक पोस्ट बीजेपी और एबीवीपी से जुड़े लोग उनकी छवि खराब करने के लिए फैला रहे हैं क्योंकि वो दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए लड़ रहे हैं. इस बारे में उन्होंने एक्स पर भी एक पोस्ट शेयर किया है.  

 

वायरल कुली की ये है कहानी 

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रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें पता चला कि ये फोटो 1 मार्च की है जब राहुल गांधी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुलियों के एक समूह से मिले थे. इस मुलाकात में कुलियों ने राहुल को बताया था कि कैसे उन्होंने 15 फरवरी को स्टेशन पर मची भगदड़ में लोगों की जान बचाई थी. इस भगदड़ में 18 लोग मारे गए थे. 

स्टेशन के कुछ कुलियों ने हमें बताया कि वायरल फोटो केदार लाल मीणा नाम के एक कुली की है. हमने केदार से बात की और उन्होंने बताया कि कुलियों के समूह में बैठे दिख रहे शख्स वही हैं. लेकिन डीयू के छात्रों वाली फोटो में वो नहीं है. 

मीणा, राजस्थान के दौसा के रहने वाले हैं और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अजमेरी गेट पर 2012 से काम कर रहे हैं. उन्होंने हमें अपनी एक हाल में खींची हुई फोटो भी भेजी. इस फोटो को लोकेश चौधरी की फोटो से मिलाने पर ये बात साफ हो जाती है कि दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं. 

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इस तरह हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि वायरल दावा गलत है. 

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