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फैक्ट चेक: इजरायल के व्हाइट फॉस्फोरस बम नहीं, बल्कि चर्म रोग से पीड़ित है ये महिला

इजरायल और हमास की जंग जारी है और इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से शेयर किया जा रहा है, जिसके साथ दावा है कि महिला इजरायली सेना के व्हाइट फॉसफोरस बम से घायल हुई हैं और उसका चेहरा पूरी तरह से जल गया है. आजतक टीम ने इस तस्वीर की पड़ताल की.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये एक फिलिस्तीनी महिला है, जो इजरायल के व्हाइट फॉस्फोरस बम का शिकार हो गई थी.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो मोरक्को की रहने वाली शाइमा का है, जो एक तरह के त्वचा रोग से पीड़ित है.

सोशल मीडिया पर हिजाब पहनी एक महिला का वीडियो वायरल हो गया है, जिसका चेहरा बुरी तरह से जला हुआ दिखाई दे रहा है. लोगों की मानें तो ये एक फिलिस्तीनी महिला है, जो इजरायल के व्हाइट फॉस्फोरस बम का शिकार हो गई थी. 

फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “इजराइल 7 अक्टूबर से गाजा में सफेद फॉस्फोरस बम का इस्तेमाल कर रहा है, मैं इसे इसलिए शेयर कर रहा हूं ताकि आप समझ सकें कि इस बम का शरीर पर क्या असर होता है, 7 अक्टूबर से पहले फॉस्फोरस का शिकार हुई देखिए कैसी रहेगी जिंदगी भर बदकिस्मती से दुनिया यह नहीं कह रही है कि इस ज़ुल्म को रोको.”

 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वीडियो में दिख रही महिला न तो फिलिस्तीन की है, और न ही वो फॉस्फोरस बम का शिकार हुई थी. दरअसल, ये एक तरह के त्वचा रोग से पीड़ित महिला है जो मोरक्को में रहती है. 

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो पर एक जगह इंस्टाग्राम के लोगो के साथ “@airisputr8” लिखा हुआ था. थोड़ा खोजने पर हमें इस नाम का एक इंस्टाग्राम अकाउंट मिला, जहां 9 फरवरी को ये वीडियो शेयर किया गया था. इस वीडियो पर कमेंट करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा कि ये महिला मोरक्को की है और वो ‘Xeroderma Pigmentosum’ (एक्सपी) नाम की एक बीमारी से पीड़ित है. साथ ही, उसने बताया कि वीडियो पर ‘मूनवॉयस’ नाम की एक चैरिटी संस्था का लोगो भी मौजूद है.

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इस क्लू की मदद से हमें ‘मूनवॉयस एसोसिएशन’ का इंस्टाग्राम अकाउंट मिला, जहां वायरल वीडियो 5 फरवरी 2024 को शेयर किया गया था. ‘मूनवॉयस एसोसिएशन’ मोरक्को का एक एनजीओ है, जो ‘Xeroderma Pigmentosum’ नाम की एक जेनेटिक बीमारी से झूझ रहे बच्चों की मदद करता है. 

‘Xeroderma Pigmentosum’ बीमारी से पीड़ित लोग अल्ट्रा वॉयलेट लाइट के प्रति काफी संवेदनशील हो जाते हैं. इसके चलते धूप में निकलने पर पीड़ितों की त्वचा और आंखों पर काफी बुरा असर पड़ता है और स्किन कैंसर तक होने का खतरा होता है. खबरों के मुताबिक, इस बीमारी से पीड़ित लोगों को ‘मून चाइल्ड’ भी कहा जाता है. 

इस संगठन के इंस्टाग्राम अकाउंट पर हमें एक्सपी से जूझ रहे और भी कई बच्चों के वीडियो मिले. साथ ही, इस अकाउंट पर हमें वायरल वीडियो वाली महिला का एक अन्य वीडियो मिला. पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक इस महिला का नाम शाइमा है, और ये मोरक्को के फेज शहर में रहती है. 

अरबी में कीवर्ड सर्च करने पर हमें साल 2016-17 के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स मिले, जिनमें इस महिला के वीडियो और फोटो मौजूद हैं. इन पोस्ट्स में भी जानकारी दी गई है कि ये मोरक्को की रहने वाली एक महिला है जो एक तरह के त्वचा रोग से पीड़ित है. 

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थोड़ी और जानकारी के लिए हमने ‘मूनवॉयस एसोसिएशन’ के संस्थापक और अध्यक्ष ‘Ahmed Zainoun’ से संपर्क किया. उन्होंने ‘आजतक’ से इस बात की पुष्टि की कि वायरल वीडियो मोरक्को की शाइमा का है, जो ‘Xeroderma Pigmentosum’ बीमारी से पीड़ित एक अंधी महिला है. साथ ही, उन्होंने बताया कि साल 2020 में बना उनका एनजीओ ‘मूनवॉयस एसोसिएशन’ शाइमा और उसके जैसे और भी कई बच्चों की मदद करता है.

ध्यान देने वाली बात है कि इजरायल पर गाजा में व्हाइट फॉस्फोरस बम इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जा चुका है. लेकिन, वायरल वीडियो का इजरायल-फिलिस्तीन विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. 

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