scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव के इस वीडियो का अरावली विवाद से नहीं है कुछ लेना-देना

अरावली पहाड़ियों से जोड़कर वायरल किया गया पुलिस-प्रदर्शनकारियों का वीडियो भ्रामक निकला. फैक्च चेक में सामने आया कि यह वीडियो छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में अमेरा कोयला खदान विस्तार के विरोध में ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए टकराव से संबंधित है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव का ये वीडियो अरावली विवाद से संबंधित है.  
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का है जहां स्थानीय लोग कोयला खदान के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे. 

किसी पहाड़ी इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव का एक वीडियो ये कहकर शेयर किया जा रहा है कि सरकारी अधिकारी अरावली की पहाड़ियों को काटने आए थे लेकिन स्थानीय लोगों ने उनका डटकर विरोध किया.

वीडियो में कुछ लोग लाठियां लिए हैं और पुलिस पर पत्थरबाजी कर रहे हैं. वहीं, पुलिस, आंसू गैस के गोले छोड़ती हुई दिख रही है.

एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "अरावली को काटने आए थे जनता और सरकार आमने सामने: हम ऐसे ही इस अरावली को काटने नहीं देंगे  पुलिस ने आम जनता पर किया लाठीचार्ज..#savearawali #अरावली"

fact check

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का वीडियो है जहां ग्रामीण अमेरा खदान के विस्तार के लिए अपनी जमीनों के अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे.

यह भी पढ़ें: फैक्ट चेक: अरावली बचाने को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन का नहीं है ये वीडियो

कैसे पता लगाई सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से  ये हमें 8 दिसंबर के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. यहां इसे छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का बताया गया है.

Advertisement

इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें एबीपी न्यूज की 3 दिसंबर की एक रिपोर्ट मिली. यहां बताया गया है कि सरगुजा के अंबिकापुर में अमेरा कोयला खदान के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण की कोशिश के दौरान गांववाले सड़क पर उतर आए और उन्होंने जोरदार हंगामा किया. 

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और लाठी-डंडे से हमला किया. इस हमले में 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले दागे.

यह भी पढ़ें: फैक्ट चेक: नीतीश कुमार ने एक श्रद्धांजलि सभा में अपने बेटे निशांत पर ही बरसा दिए फूल? नहीं, ये है वीडियो की असली कहानी

रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) कोयला खदान के लिए इस इलाके में जमीन अधिग्रहण का काम 2001 में शुरू हुआ था और 2016 में यहां के ग्रामीणों को मुआवजे की राशि दी गई थी. लेकिन कुछ ग्रामीण अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं और यही इस विवाद की वजह है.  

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना में 12 से ज्यादा ग्रामीणों को भी चोटें आई थीं. दो दिसंबर के इस मामले में पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था और कई लोगों को हिरासत में लिया था.  

Advertisement

हालांकि ये बात सच है कि अरावली के मुद्दे को लेकर देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं.

इस तरह हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि छत्तीसगढ़ में कोयला खदान के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुए टकराव का वीडियो अब अरावली विवाद के संदर्भ में शेयर हो रहा है.

---- समाप्त ----
Live TV

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement