किसी पहाड़ी इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव का एक वीडियो ये कहकर शेयर किया जा रहा है कि सरकारी अधिकारी अरावली की पहाड़ियों को काटने आए थे लेकिन स्थानीय लोगों ने उनका डटकर विरोध किया.
वीडियो में कुछ लोग लाठियां लिए हैं और पुलिस पर पत्थरबाजी कर रहे हैं. वहीं, पुलिस, आंसू गैस के गोले छोड़ती हुई दिख रही है.
एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "अरावली को काटने आए थे जनता और सरकार आमने सामने: हम ऐसे ही इस अरावली को काटने नहीं देंगे पुलिस ने आम जनता पर किया लाठीचार्ज..#savearawali #अरावली"
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का वीडियो है जहां ग्रामीण अमेरा खदान के विस्तार के लिए अपनी जमीनों के अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे.
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कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से ये हमें 8 दिसंबर के एक फेसबुक पोस्ट में मिला. यहां इसे छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का बताया गया है.
इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमें एबीपी न्यूज की 3 दिसंबर की एक रिपोर्ट मिली. यहां बताया गया है कि सरगुजा के अंबिकापुर में अमेरा कोयला खदान के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण की कोशिश के दौरान गांववाले सड़क पर उतर आए और उन्होंने जोरदार हंगामा किया.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और लाठी-डंडे से हमला किया. इस हमले में 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले दागे.
रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) कोयला खदान के लिए इस इलाके में जमीन अधिग्रहण का काम 2001 में शुरू हुआ था और 2016 में यहां के ग्रामीणों को मुआवजे की राशि दी गई थी. लेकिन कुछ ग्रामीण अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं और यही इस विवाद की वजह है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना में 12 से ज्यादा ग्रामीणों को भी चोटें आई थीं. दो दिसंबर के इस मामले में पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था और कई लोगों को हिरासत में लिया था.
हालांकि ये बात सच है कि अरावली के मुद्दे को लेकर देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस तरह हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि छत्तीसगढ़ में कोयला खदान के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुए टकराव का वीडियो अब अरावली विवाद के संदर्भ में शेयर हो रहा है.