किसी मंदिर में भगवान की मूर्ति के सामने जमीन से निकलते पानी का एक हैरतअंगेज वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि ये वीडियो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर का है जहां हाल ही में शिवलिंग से अचानक पानी निकलने लगा.
वीडियो के साथ लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “आज सुबह 5:15 पे अचानक नासिक स्थित त्रियम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग से अचानक पानी निकलने लगा। ॐ नमः शिवाय”. इस दावे के साथ ये वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम और थ्रेड्स पर तमाम लोग शेयर कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो पांच साल से ज्यादा पुराना है और कर्नाटक के कमंडल गणपति मंदिर का है.
कैसे पता चली सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि इसे साल 2019 में भी सोशल मीडिया और यूट्यूब पर शेयर किया गया था. इससे ये बात तो यहीं साफ हो गई कि वीडियो सालों से इंटरनेट पर मौजूद है.
उस समय इस वीडियो को कर्नाटक के चिकमंगलूर के कोप्पा इलाके के एक गांव में स्थित कमंडल गणपति मंदिर का बताकर शेयर किया गया था. इस क्लू की मदद से कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस मंदिर के कई वीडियो मिल गए जो वायरल वीडियो से मेल खाते हैं. इस मंदिर पर कन्नड़ भाषा में कई खबरें भी छपी हैं जिनमें वायरल वीडियो से मिलती जुलती तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है.
खबरों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा के ठीक सामने जो जल निकलता है वो ब्राम्ही नदी का उद्गम स्थल है. इस जलाशय से लगातार पानी बहता रहता है. मान्यता है कि मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति खुद माता पार्वती ने लगाई थी. कहा जाता है कि एक बार शनि देव माता पार्वती को काफी परेशान कर रहे थे. परेशानी से पीछा छुड़ाने के लिए माता पार्वती को तपस्या करनी थी जिसके लिए वो पृथ्वी पर आईं. तपस्या के लिए उन्होंने इसी मंदिर से थोड़ी दूरी पर बनी एक जगह चुनी.
तपस्या में कोई बाधा न आए, इसलिए पार्वती ने भगवान गणेश को पूजने के लिए उनकी मूर्ति स्थापित की. ये देखकर ब्रह्मदेव खुश हो गए और आशीर्वाद के रूप में अपने कमंडल से जल निकाल कर जमीन पर छिड़क दिया. जहां ये जल गिरा वहां ब्राम्ही नदी का उद्गम स्थल बन गया. इसी वजह से मंदिर का नाम कमंडल गणपति पड़ा.
इस वीडियो को त्र्यंबकेश्वर मंदिर का बताकर 2020 में भी शेयर किया गया था. उस समय त्र्यंबकेश्वर मंदिर के एक पुजारी ने भी मीडिया को बताया था कि वायरल वीडियो उनके मंदिर का नहीं है.