विराट कोहली की जानदार शतकीय पारी से विशाल स्कोर खड़ा करने के बावजूद भारतीय टीम राहुल द्रविड़ को जीत के साथ विदाई देने में नाकाम रही और इंग्लैंड के हाथों पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में डकवर्थ लुईस पद्वति से छह विकेट से हार गई.
भारत इस तरह से इस दौरे में एक भी मैच नहीं जीत पाया. वह टेस्ट श्रृंखला में 0-4 से हार गया था जबकि उसे एकमात्र ट्वेंटी-20 मैच में ही पराजय झेलनी पड़ी. इंग्लैंड ने एकदिवसीय श्रृंखला भी 3-0 से अपने नाम की. कोहली ने 93 गेंद पर 107 रन बनाये जबकि द्रविड़ ने अपने आखिरी मैच में 79 गेंद पर 69 रन की यादगार पारी खेली. इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिये 170 रन की साझेदारी की.
फोटोः आखिरी वनडे में द्रविड़ ने जीता दिल
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतिम क्षणों में 26 गेंद पर 50 रन ठोके जिससे भारत टास गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 304 रन बनाने में सफल रहा.
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इंग्लैंड की पारी शुरू होने से पहले ही बारिश आ गयी जिससे उसके सामने डकवर्थ लुईस पद्वति से 40 ओवर में 270 रन का लक्ष्य रखा गया. जब उसने 9.1 ओवर में एक विकेट पर 53 रन बनाये थे तभी बारिश आ गई. बाद में उसके सामने 34 ओवर में 241 रन का लक्ष्य रखा गया.
इंग्लैंड की तरफ से कप्तान एलिस्टेयर कुक (50) और जोनाथन ट्राट (63) ने अर्धशतकीय पारियां खेली लेकिन अपना पहला मैच खेल रहे जानी बेयरस्टा (21 गेंद पर 41) और रवि बोपारा (22 गेंद पर 37) ने अंतिम क्षणों में 40 गेंद पर 75 रन की साझेदारी करके भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इंग्लैंड ने आखिर में 32 .2 ओवर में चार विकेट पर 241 रन बनाकर जीत दर्ज की.
भारतीय गेंदबाजों ने फिर से निराश किया जबकि मुनाफ पटेल भी क्षेत्ररक्षण करते समय घायल हो गये. आर विनयकुमार ने क्रेग कीसवेटर (21) को जल्दी आउट कर दिया. लेकिन बारिश थमने के बाद जब दोबारा खेल शुरू हुआ तो कुक ने तेजी से अर्धशतक पूरा किया. द्रविड़ ने इसके बाद उनका आसान कैच भी छोड़ा लेकिन कोहली ने अगली गेंद ही इंग्लैंड के कप्तान को बोल्ड कर दिया.
लार्ड्स टेस्ट में राहुल द्रविड़ ने लगाया शतक
अपना 64वां मैच खेल रहे कोहली का यह पहला वनडे विकेट भी था. इयान बेल (21 गेंद पर 26 रन) और ट्राट ने हालांकि जल्द ही जडेजा के एक ओवर में तीन छक्के जड़कर 21 रन बटोरे. इंग्लैंड को जब दस ओवर में 81 रन चाहिए थे तब बेल ने सीमा रेखा पर कैच थमाया जबकि इसके अगले ओवर में ट्राट भी जडेजा के शिकार बने. वह अपने कट पर नियंत्रण नहीं रख पाये और प्वाइंट पर आरपी सिंह को हवा में लहराता कैच देकर पवेलियन लौटे.
इसके बाद बोपारा और बेयरस्टो ने धमाकेदार पारियां खेली. इन दोनों ने पावरप्ले के तीन ओवर में 42 रन ठोककर इंग्लैंड की जीत आसान बना दी. बेयरस्टो ने अपनी पारी में तीन छक्के भी लगाये. इससे पहले भारतीय पारी का आकर्षण कोहली और द्रविड़ की साझेदारी रही.
द्रविड़ ने 13वें ओवर के शुरू में अजिंक्या रहाणे (26) जबकि कोहली ने 16वें ओवर में पार्थिव पटेल (19) के आउट होने के बाद क्रीज पर कदम रखा. इन दोनों ने एक दो रन लेकर स्ट्राइक रोटेट करके गेंदबाजों पर दबाव बनाया.
द्रविड़ ने इसके बाद स्वान की गेंद पर आगे बढ़कर शाट मारने के प्रयास में अपना विकेट गंवा दिया. द्रविड़ इस आफ ब्रेक पर पूरी तरह चूक गये जिसने उनकी गिल्लियां गिरा दी. इंग्लैंड के प्रत्येक खिलाड़ी ने इसके बाद द्रविड़ से हाथ मिलाये जबकि दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया.
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इससे ठीक पहली वाली गेंद पर कोहली ने एक रन लेकर अपना शतक पूरा किया. इस श्रृंखला में कुछ अवसरों पर जूझने वाले कोहली तब अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाये और उनकी आंखे छलक गयी. उन्हें इसके बाद जीवनदान भी मिला लेकिन स्वान की गेंद बैकफुट पर जाकर खेलने के प्रयास में उनके पांव से गिल्लियां गिर गयी और इस तरह वह हिटविकेट होकर पवेलियन लौटे. उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और एक छक्का जमाया.
भारत ने अंतिम क्षणों में सुरेश रैना (15) और रविंदर जडेजा (शून्य) के विकेट गंवाये लेकिन धोनी दूसरे छोर पर जमे रहे. उन्होंने पारी की अंतिम गेंद पर अपने कैरियर का 41वां और इस श्रृंखला में लगातार तीसरा अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने 26 गेंद खेली तथा पांच चौके और दो छक्के लगाये. धोनी को श्रृंखला में 78.67 की औसत से 236 रन बनाने के लिए ‘मैन ऑफ द सीरीज’ दिया गया.