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सलाम क्रिकेट: अजहर के वो टिप्स जिसके बाद यूनुस ने जड़ दिया दोहरा शतक

अजहरुद्दीन ने भी पुराने दिन याद करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान के महान बल्लेबाज जहीर अब्बास ने खेल को सुधारने में उनकी मदद की थी.

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'सलाम क्रिकेट' के मंच पर यूनुस खान
'सलाम क्रिकेट' के मंच पर यूनुस खान

दुबई में आजतक के मंच 'सलाम क्रिकेट' पर एशिया के क्रिकेट दिग्गजों का जमावड़ा लगा. इस कार्यक्रम के दौरान भारत और पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शामिल हुए जिन्होंने अपने दौर के किस्से साझा किए. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान यूनुस खान, पूर्व भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन ने हमारे स्पोर्ट्स एडिटर विक्रांत गुप्ता के साथ चर्चा में हिस्सा लिया.

यूनुस खान ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्होंने अजहर की सलाह लेकर अपने खेल में सुधार किया और इसी के बाद उन्होंने साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में दोहरा शतक जड़ा था. अजहर की सलाह से पहले इंग्लैंड दौरे पर गए यूनुस खराब फॉर्म से जूझ रहे थे.

पाकिस्तान के बल्लेबाज यूनुस ने बताया कि वह भारत के खिलाफ 2002 के अपने पहले ही टूर में अजहर के फैन हो गए थे. उन्होंने कहा कि मैंने अजहर के खिलाफ ज्यादा मैच तो नहीं खेले लेकिन हमेशा उनसे सीखने की कोशिश की. यहां तक कि अपनी कप्तानी के दौर में भी हमेशा उनके जैसा करने की चाह रही.

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यूनुस ने कहा, 'दो साल पहले जब में खराब फॉर्म से जूझ रहा था तब अजहर भाई की एक सलाह से मैं दोहरा शतक लगाने में सफल हुआ. अजहर भाई ने मुझे कॉल किया और कहा कि बल्लेबाज क्रीज का इस्तेमाल कर सकते हैं और नेट पर तुम्हें इसकी प्रैक्टिस करनी चाहिए. अजहर ने मुझपर दबाव नहीं डाला लेकिन ऐसा करने की सलाह जरूर दी. आगे मैंने इसको इस्तेमाल किया और इससे मेरे प्रदर्शन में सुधार आया.'

अब्बास ने दी अजहर को सलाह

अजहरुद्दीन ने भी पुराने दिन याद करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तान के महान बल्लेबाज जहीर अब्बास ने खेल को सुधारने में उनकी मदद की थी. अजहर ने कहा कि 1989 में मेरी फॉर्म खराब चल रही थी और तभी जहीर अब्बास ने मुझसे कहा कि अपनी ग्रिप बदलो. मैंने ऐसा किया तो मुझे काफी दिक्कत आई. लेकिन बाद में नेट पर प्रैक्टिस कर मैंने रन बनाने शुरू कर दिया, तब जाकर मेरा खेल पूरी तरह से निखर गया.

पूर्व कप्तान यूनुस खान ने कहा कि भारत के खिलाड़ियों के पास दिग्गज मौजूद हैं और उन्हें इसका फायदा उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2004 में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मैंने राहुल द्रविड़ से कहा कि मुझे 5 मिनट का वक्त दें. इसके बाद द्रविड़ ने खुद मेरे रूम में आकर मुझे सलाह दी, जबकि वो मेरे सीनियर थे. आगे जाकर इससे मेरी क्रिकेट में बदलाव हुआ.

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