scorecardresearch
 

चीन के BRI प्रोजेक्ट से क्यों हो रहा है यूरोपीय देशों का मोहभंग? केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आजतक से बातचीत में जी 20 की सफलता पर बातचीत की. उन्होंने कहा, दुनियाभर में काफी समय तक इसकी चर्चा होगी. उन्होंने कहा, जी 20 का नाम जी 20 ही रहेगा. जी 21 नहीं होगा. लेकिन, इस जी 20 में अफ्रीकन यूनियन के 54 देशों को हाई टेबल पर प्रतिनिधित्व मिलेगा.

Advertisement
X
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी. (फाइल फोटो)
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी. (फाइल फोटो)

जी 20 की सफलता से भारत गदगद है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आजतक से बातचीत में इसे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया है. पुरी ने भारत मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर चर्चा की और इटली और सऊदी अरब जैसे यूरोपीय देशों के मोहभंग होने का कारण बताया. पुरी ने कहा, इस कॉरिडोर की लॉन्चिंग ने दुनिया को एक गहरा मैसेज दिया है.

उन्होंने कहा कि भारत मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिए एनर्जी ट्रांसपोर्टेशन से लेकर रेलवे लाइन बनाने तक की बातचीत हो रही है. ये एक बहुत बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट होगा. आप एक कॉरिडोर बनाने जा रहे हैं, जो भारत से यूरोप तक है. पुरी ने चीन का नाम लिए बिना कहा, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव ( BRI) में समस्याएं हो रही हैं. कई यूरोपियन देश जो  BRI में दिलचस्पी रखते थे, वो अब कह रहे हैं कि ये डेब्ट ट्रैप (ऋण जाल) है. मैं किसी का नाम नहीं ले रहा हूं लेकिन अब डेब्ट ट्रैप के बयान आने लगे हैं. 

'हमारा प्रोजेक्ट भविष्य से जुड़ा है'

पुरी ने आगे कहा, हमारे भारत के आसपास जो दक्षिण एशिया में देश हैं, उन्होंने देख लिया- क्या हुआ हम्बन टोटा? these are white elephant project. लेकिन जब आप जैनुयन कनेक्टिविटी क्रिएट करेंगे, जहां पर कमर्शियल एक्टिविटी हो रही है, शिपिंग रूट, रेलवे.. यह भविष्य से जुड़ा प्रोजेक्ट है. 

Advertisement

'जी 20 की सफलता पर किसी को शक नहीं'

पुरी ने कहा, जी 20 की सफलता पर किसी को शक नहीं है. भारत ही नहीं, दुनियाभर में काफी समय तक इसकी चर्चा होगी. उन्होंने कहा, जी 20 का नाम जी 20 ही रहेगा. जी 21 नहीं होगा. लेकिन, इस जी 20 में अफ्रीकन यूनियन के 54 देशों को हाई टेबल पर प्रतिनिधित्व मिलेगा. जैसे ग्रुप 77 है. जब उसकी स्थापना हुई थी तो इसमें 77 सदस्य थे और आज इस ग्रुप में 134 देश शामिल हैं. इसी तरह जी 20 में भी देश बढ़ते बढ़ते 90 से ज्यादा हो जाएंगे, लेकिन जी 20 का नाम जी 20 ही रहेगा.

'बायोफ्यूल्स का बाजार ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा,' 

ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस को लेकर कहा, इसमें कंज्यूमर देशों को साथ लिया है. कॉपरेटिव सोसाइटी को लिया है. कल तक हम लोग इसके 200 बिलिटन डॉलर मार्केट के बारे में सोच रहे थे. अब देख रहा हूं कि इसके जानकार 500 बिलियन डॉलर का मार्केट बनेगा. मुझे उम्मीद है कि आगे जाकर यह मार्केट ट्रिलियन डॉलर तक जाएगा. क्योंकि बायोफ्यूल बनाने में कोई ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. अफ्रीकन और लैटिन कंट्री में इसकी सफलता आलरेडी है. बायोफ्यूल से पर्यावरण को लेकर राहत मिलेगी. एग्रीकल्चर समेत अन्य सेक्टर को राहत मिलेगी. पराली की समस्या में कमी आएगी.

Advertisement

सऊदी अरब के साथ हमारे गहरे और पुराने संबंध हैं. सऊदी अरब के साथ हमारे रिश्ते सिर्फ खरीदने और बेचने वाले नहीं हैं. हम एनर्जी सेक्टर में मिलकर काम कर रहे हैं. हम साथ में रिफाइनरी बनाने की बात करते हैं. पेट्रो कैमिकल के डेवलपमेंट की बात करते हैं. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement